नई दिल्ली : राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि एक नया दस्तावेज सामने आया है, जिसमें ब्रिटेन में आव्रजन संबंधी ललित मोदी के आवेदन पर कथित रूप से राजे के दस्तख्त हैं और कांग्रेस का कहना है कि एक भगोड़े की मदद करके वे पूरी तरह बेनकाब हो गयी हैं।
ललित मोदी से जुड़े मामले में अब तक किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात याद न होने का दावा करने वाली राजे के खिलाफ अपने तीर ओ तलवार तानते हुए कांग्रेस ने उनपर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एआईसीसी ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि पर्दे उठ चुके हैं, रहस्य खुल गया है। ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनपर वसुंधरा राजे ने ललित मोदी द्वारा ब्रिटिश सरकार को भेजे आव्रजन मामले की पैरवी करते हुए 18 अगस्त 2011 को दस्तख्त किए हैं। पहले जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने इससे इंकार किया, लेकिन बाद में कहा कि उन्हें याद नहीं।
आरोप है कि राजे ने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के आव्रजन संबंधी आवेदन का गवाह बनने पर कथित तौर पर सहमति जताई बशर्तें भारत में इस बारे में किसी को पता न चले। रमेश ने कहा कि भाजपा ने हमेशा कहा है कि अगर उनके :राजे के: हस्ताक्षर वाले दस्तावेज पेश किए जाएंगे तो उन्हें दोषी माना जाएगा। अब किसी और सुबूत की जरूरत नहीं है। वसुंधरा राजे की कलई पूरी तरह से खुल गई है। रमेश ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने के रख की वकालत करने वाली सरकार को तत्काल उनका इस्तीफा मांगना चाहिए। एक साल पहले इन मुद्दों पर बहुत कुछ बोलने वाले प्रधानमंत्री चुप हो गये हैं और आवरण में बंद हो गये हैं।
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को ब्रेजन (बेशर्म) जनता पार्टी बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं के इस्तीफे की मांग से समझौता नहीं हो सकता। रमेश ने कहा कि आज रात के बाद वसुंधरा राजे का राजस्थान की मुख्यमंत्री बने रहना ‘अनैतिक’ होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर संघर्ष संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह जारी रहेगा। कांग्रेस नेता ने 21 बिंदुओं वाले सात पन्नों के दस्तावेज को दिखाते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने किसी भगोड़े का समर्थन किया हो। उन्होंने कहा कि भगोड़े शब्द का इस्तेमाल और किसी ने नहीं, बल्कि भाजपा सांसद और पूर्व गृह सचिव आर के सिंह ने किया है। रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री पारदर्शिता और जवाबदेही के स्वघोषित झंडाबरदार हैं, एक ऐसे शख्स जो एक साल पहले किसी मुद्दे पर बोलते नहीं थकते थे। इस पर उन्हें क्या कहना है? उन्हें पक्के सबूत मिल गये हैं। उन्होंने कहा कि यह जाली दस्तखत नहीं है। यह असली हस्ताक्षर हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश सरकार से कहा कि एक भगोड़े, कानून तोड़ने वाले को वहां रकने की इजाजत मिलनी चाहिए। मैं इसे अजीब, असमर्थनीय और राष्ट्रविरोधी मानता हूं। रमेश ने कहा कि मैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बताना चाहता हूं कि दस्तावेज पर जाली दस्तखत नहीं हैं। प्रधानमंत्री के सामने केवल एक विकल्प है। राजस्थान की मुख्यमंत्री को फौरन इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि वह इस्तीफा देंगी या नहीं, बल्कि प्रश्न यह उठता है कि वह कब इस्तीफा देंगी। आज रात को देंगी या कल सुबह।
मोदी सरकार पर कांग्रेस के हमलों में कोई कमी नहीं आने का संकेत देते हुए कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि वह (राजे) और भाजपा के मंत्री, जिनकी कलई खुल गई है अथवा जो गलत गतिविधियों के आरोपी हैं, को जाना होगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि कानून के एक भगोड़े के लिए आप एक देश के यात्रा दस्तावेज का बंदोबस्त करते हैं। उन सबको जाना होगा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और राजे के पुराने प्रतिद्वंद्वी अशोक गहलोत ने कहा कि असली चरित्र सामने आ गया है और किस तरह का पत्र लिखा गया है। हवाला के जरिए धन का भी स्थानांतरण हुआ है। उन्होंने कहा कि खुला भ्रष्टाचार हुआ है और अगर काला धन वापस लाने का वसुंधरा का तरीका सही है तो अरूण जेटली का तरीका नाकाम हो गया है। नरेन्द्र मोदी के लिए यह परीक्षा की घड़ी है और हम उनके कदम का इंतजार कर रहे हैं। प्रमुख वकील और आप के पूर्व नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि राजे की स्थिति उसी क्षण कमजोर हो गई थी जब ललित मोदी ने ट्वीट किया और इस आश्य के प्रमाण दिए कि राजे ने उनके पक्ष में हलफनामे पर दस्तख्त किए और उसे गोपनीय रखने को भी कहा। भूषण ने कहा कि ऐसी बात आप तब करते हैं, जब आपको लगता है कि आप जो कुछ कर रहे हैं वह उचित नहीं है। आप नेता आशुतोष ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में ताजा रहस्योद्घाटन के बाद अब राजे के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं बची। उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि यह एकदम स्पष्ट मामला है।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी इस नये दस्तावेज, जिसपर कथित रूप से राजे के दस्तख्त हैं, के बारे में राजे के जवाब का इंतजार कर रही है। पात्रा ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि नये दस्तावेज की वैधता की जांच होना अभी बाकी है। ललितगेट प्रकरण में सुषमा स्वराज के बाद वसुंधरा राजे का नाम आने के बाद भाजपा ने शुरू में हिचक दिखाई, लेकिन उसके बाद पार्टी राजे के समर्थन में खुलकर सामने आ गई। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें क्लीन चिट दी और कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर और राजस्थान में केन्द्र सरकार और पार्टी उनके पीछे एकजुट होकर खड़ी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)