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Friday, June 26, 2015

ललित मोदी मामले में कार्रवाई करने में पीएम क्यों हिचकिचा रहे हैं: कांग्रेस

12:09:00 AM Posted by Unknown , , ,
नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को ललित मोदी मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हिचकिचाहट’ को लेकर सवाल उठाया और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की उनकी उस टिप्पणी के लिए आलोचना की कि राजग के कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे।
पार्टी ने दो दस्तावेज भी जारी किए- यूके बार्डर एजेंसी को दिया गया ललित मोदी का कथित हस्ताक्षरयुक्त हलफनामा और वसुंधरा राजे के गवाह के तौर पर बयान जिसके बारे में पार्टी ने दावा किया कि उस पर उनके हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही पार्टी ने अपने कई प्रवक्ताओं को ललित मोदी प्रकरण को लेकर सरकार के खिलाफ निशाना साधने के काम में तैनात किया।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार को घेरने के लिए वह इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों को भी एकजुट करने का प्रयास करेगी। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस बात पर जोर दिया कि अबतक किसी भाजपा नेता ने इन दस्तावेजों की वैधता पर सवाल नहीं उठाया है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करे और साथ ही चेतावनी दी कि अगर वसुंधरा राजे इस्तीफा नहीं देती तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
भाषा 

Monday, May 25, 2015

आय से अधिक संपत्ति मामलाः जयललिता को बरी किये जाने के खिलाफ द्रमुक जायेगी सुप्रीम कोर्ट

चेन्नई: आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को बरी किये जाने के खिलाफ द्रमुक उच्चतम न्यायालय मेंअपील करेगी. द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि ने आज जारी एक बयान में कहा, उच्चतम न्यायालय दो बार कह चुका है कि इस मामले में शामिल होने का द्रमुक को अधिकार है, मैं दृढ़ता के साथ कहना चाहता हूं कि आय से अधिक संपत्ति मामले में पार्टी उच्चतम न्यायालय में जयललिता के खिलाफ अपील दायर करेगी.

आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता  और तीन अन्य को बरी करने वाले उच्च न्यायालय के 11 मई के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए द्रमुक कर्नाटक सरकार पर दबाव बनाये हुए है. अदालत के फैसले से जयललिता के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है.

द्रमुक के जिला सचिवों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करने के बाद करुणानिधि का आज यह बयान आया है जिसमें इस मामले पर विमर्श किया गया है. करुणानिधि ने कहा कि मामले के विशेष लोक अभियोजक बीवी आचार्य और कर्नाटक के एडवोकेट जनरल रवि वर्मा कुमार ने सिफारिश की थी कि सरकार को जयललिता को बरी किये जाने के खिलाफ अपील दायर करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, हमारा दृढ़ता से मानना है कि कर्नाटक सरकार उनकी सिफारिशों को मानेगी और अपील दायर करेगी.  करुणानिधि ने रेखांकित किया कि मामले के मूल शिकायतकर्ता भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी कह चुके हैं कि वह जयललिता को बरी करने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख करेंगे.

द्रमुक का अपनी प्रतिद्वंदी के खिलाफ यह फैसला जयललिता के पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद आया है. उन्हें 66.66 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. सौजन्यः प्रभात खबर