देह व्यापार पूरी दुनिया में आज भी महिलाओं की दैहिक स्वातंत्रता पर कलंक है। भारत जैसे देश में जहां स्त्री़ को पूज्य माना गया है, वहां भी लंबे समय से महिलाएं देह व्यापार जैसे घिनौने धंधे में उतरने को मजबूर हैं। हालांकि 1956 में पीटा कानून के तहत वेश्यावृत्ति को कानूनी वैधता दी गई, पर 1986 में इसमें संशोधन करके कई शर्तें जोड़ी गईं, जिसमें सार्वजनिक सेक्स को अपराध माना गया और यहां तक कि इसमें सजा का प्रावधान भी रखा गया, लेकिन इसे विडंबना कहें कि दुर्भाग्य, आज भी देश में कई ऐसे इलाके हैं, जहां लड़कियां जिस्मफरोशी को मजबूर हैं। देखिए भारत के 10 ऐसे रेड लाइट एरिया, जिनकी एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा होती है।
बुधवार पेठ पुणे : पुणे का बुधवार पेठ स्थान भी देश के फेमस रेडलाइट ऐरिया में से एक है। यहां बड़ी संख्या में नेपाली लड़कियां देह व्यापार मे संलिप्त हैं।
गंगा-जमुना नागपुर : महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में इतवारी इलाके में गंगा-जमुना इलाका है, जहां वेश्यावृत्ति चलती है। यह इलाका देह व्यापार के लिए पूरे नागपुर में फेमस है। खास बात यह है कि यह कई तरह के अपराधों का भी अड्डा है।
ग्वालियर : मध्य प्रदेश में एक तरह से सिंधिया परिवार की सरजमीं पर ग्वालियर में रेशमपुरा एक बड़ा रेडलाइट इलाका है। यहां देह व्यापार के लिए विदेशी लड़कियों के साथ मॉडल्स, कॉलेज गर्ल्स भी हैं। यहां एक तरह से कॉलेज गर्ल्स के लिए बाकायादा ऑफिस खोले जाने लगे हैं। इंटरनेट और मोबाइल पर आने वाली सूचनाओं के आधार पर कॉलगर्ल्स की बुकिंग होती है। ईमेल या मोबाइल पर ही ग्राहक को डिलीवरी का स्थान बता दिया जाता है। कॉलगर्ल्स को ठेके पर या फिर वेतन पर रखा जाता हैं।
मीरगंज इलाहबाद : यूं तो इलाहाबाद गंगा, जमुना और सरस्वती की त्रिवेणी के चलते प्रयागराज तीर्थ के रूप में पूरे भारत में बदनाम है। लेकिन यहां बाजार चौक में मीरगंज इलाके में स्थित इतिहास एक रेडलाइट ऐरिया है जो तकरीबन डेढ़ सौ साल पुराना है। यहां की पुरानी इमारतों से ढकी हुई बंद गलियों में आपको यहां का वेश्याबाजार दिखाई देगा। हर घर के बाहर सज-धज कर तैयार महिलाएं हर आने जाने वाले को अपने पास बुलाती नजर आ जाएंगी। यह यहां का रेडलाइट एरिया है। जानकारी के अनुसार यहां पर पहले कोठे चलते थे और यहां पुराने जमीदार मुजरा देखने आते थे। यहां अवैध तरीके से देह व्यापार होता है। कभी पूरे देश में कभी शिक्षा का केंद्र रहा इलाहबाद यहां स्थित मीरगंज इलाके में स्थित कोठे के लिए भी प्रसिद्ध है।
चतुरभुज स्थान मुजफ्फरपुर : बिहार का मुजफ्फरपुर इलाका राज्य के बड़े रेडलाइट इलाकों में से एक है। बताया जाता है कि उत्तरी बिहार का यह सबसे बड़ा रेडलाइट इलाका है।
शिवदासपुर, वाराणसी : दुनिया के प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी एक तरह से हिंदुओं का सबसे पवित्र तीर्थ है, लेकिन यहां देह व्यापार का इतिहास भी कई पुरानी गलियों में दिखाई देता है। यहां की दालमंडी और शिवदासपुर जैसे इलाके सालों पुराने देह व्यापार की मंडिया हैं। शिवदासपुर वाराणसी रेलवे स्टेशन से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर स्थित इलाका यहां के रेडलाइट इलाके के रूप में फेमस है। यह एक तरह से यूपी का सबसे बड़ा रेडलाइट इलाका है। इसी तरह यहां स्थित दालमंडी इलाका भी तमाम तरह के कानूनी पाबंदियों के बाद भी आज भी चल रहा है। यहां की तंग गलियों में घर के बाहर खड़ी लड़कियां ग्राहकों को उसी पारंपरिक तरीके से रिझाती नजर आती हैं, जैसे एक समय यहां चलने वाले कोठे में पारंपरिक रूप से चलन में था।
मेरठ कबाड़ी बाजार: पश्चिमी यूपी के बड़े शहर मेरठ में स्थित कबाड़ी बाजार बहुत ही पुराना रेड लाइट एरिया है। यहां अंग्रेजों के जमाने से देहव्यापार किया जाता है। यहां देह व्यापार के धंधे मे अधिकांश नेपाली लड़कियां ही हैं।
जीबी रोड दिल्ली : राजधानी दिल्ली स्थित जीबी रोड का पूरा नाम गारस्टिन बास्टिन रोड है। यह राजधानी दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। हालांकि इसका नाम सन् 1965 में बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया। इस इलाके का भी अपना इतिहास है। बताया जाता है कि यहां मुगलकाल में कुल पांच रेडलाइट एरिया यानी कोठे हुआ करते थे। अंग्रेजों के समय इन पांचों क्षेत्रों को एक साथ कर दिया गया और उसी समय इसका नाम जीबी रोड पड़ा। जानकारों के मुताबिक देहव्यापार का यहां सबसे बड़ा कारोबार होता है, और यहां नेपाल और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके यहां को कोठों पर लाया जाता है। वर्तमान में एक ही कमरे में कई केबिन बनें हैं, जहां एक साथ कई ग्राहकों को सेवा दी जाती है।
कमाठीपुरा मुंबई : फैशन, फिल्मों और बिजनेस का शहर मायानगरी मुंबई का एक इलाका कमाठीपुरा पूरी दुनिया के सबसे प्रमुख रेडलाइट एरिया में चर्चित है। बताया जाता है कि यह एशिया का सबसे पुराना रेडलाइट एरिया है। इस एरिये का इतिहास सन् 1795 मे पुराने बॉम्बे के निर्माण से शुरू होता है। बताया जाता है कि इस इलाके में निर्माण क्षेत्र में काम करने वाली आंध्रा महिलाओं ने यहां देह व्यापार का धंधा शुरू किया था और कुछ ही सालों, यानी की 1880 में यह क्षेत्र अंग्रेजों के लिए ऐशगाह बन गया। कमाल की बात यह है कि आज भी यह देहव्यापार के लिए इस क्षेत्र को पूरे देश में बखूबी जाना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक यहां तकरीबन 2 लाख सेक्स वर्कर का परिवार रहता है, जो पूरे मध्य एशिया में सबसे बड़ा है।
सोनागाछी कोलकाता : देश के पूर्वी भाग के सबसे बडे महानगर सोनागाछी को एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया माना जाता है। अनुमान के मुताबिक यहां कई बहुमंजिला इमारते हैं, जहां करीब 11 हजार वेश्याएं देह व्यापार में लिप्त हैं। उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के समीप स्थित चित्तरंजन एवेन्यू में स्थित इलाके में वेश्यावृत्ति से जुड़ी महिलाओं को बाकायदा लाइसेंस दिया गया है। यहां इस व्यापार को कई तरह के समूह चलाते हैं, जिन्हें एक तरह से गैंग कहा जाता है। एक अनुमान के मुताबिक इस स्लम में 18 साल से कम उम्र की करीब 12 हजार लड़कियां सेक्स व्यापार में शामिल हैं।
सौजन्य: IBN 7