सीरिया। नीलामी
में खरीदकर नाबालिग लड़कियों को आइएस के
आतंकी यौन दासी बनाकर रखने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।यजी़दी लड़की ने
बताया है कि जिहादियों ने किस तरह से उसका व उसकी बहन का रोजाना बलात्कार किया।
कुंआरी लड़कियों की नीलामी के बाद उन्हें बेच दिया गया था। अब वह एक आतंकवादी के
बच्चे की मां बनने वाली है। इस लड़की ने
बताया कि पिछले नौ महीने उसने किस वेदना के साथ गुजारे। उसे केवल मौत की दिखाई
देती थी।
आइएसआइएस के आतंकियों ने उसका बर्बर तरीके से यौन शोषण किया और मारपीट की। उसने यह भी
खुलासा किया कि आतंकियों की वहशियाना हवस पूरी करने से इंकार करने पर उनकी जांघों
पर उबलता हुआ गर्म पानी डाला जाता था। इसके बाद बेरहमी से पीटा जाता था और सामूहिक
बलात्कार किया जाता था। यह बेहद भयानक था।
इस लड़की का
पिछले साल अगस्त में अपहरण कर लिया गया था जब आइएसआइएस आतंकी शिंगाल कस्बे में
दाखिल हुए थे। यहां हजारों यज़ीदी आंतकियों से बचने के लिए पहाड़ी क्षेत्र की ओर
जा रहे थे। इस नाबालिग लड़की को बंदूकधारी आतंकी हथकड़ी लगाकर इराक स्थित एक होटल
में ले गए जहां बहुत कम कपड़ों में अन्य औरतें व लड़कियां थीं। इसके बाद उसे
इस्लामिक स्टेट की कथित राजधानी सीरिया स्थित रक्का शहर में ले जाया गया जहां उसके
सहित दर्जनों अन्य औरतों व लड़कियों के कौमार्य का परीक्षण किया गया।
कुंआरी लड़कियों
को एक कमरे में चालीस आदमियों के साथ ले जाया गया। जो उन्हें पसंद आती वे उसकी ओर
इशारा करते जाते। लड़की ने बताया कि अल
रुसिया ने उसे व उसकी दस वर्षीय बहन को दस मिनट में खरीद लिया। जिस दिन मुझे व
मेरी बहन को बेचा गया उस दिन मैंने अपनी मां को आखिरी बार देखा। मैं कभी नहीं भूल
सकती कि किस तरह वह अपने बाल नोंचकर जोरों से रो रही थी। उसके बाद मुझ पर कुरान से
जुड़ी बातें बोलने का दबाव बनाया गया। ऐसा न करने पर मुझे मारा जाता। इस लड़की को
यौन गुलाम बनाकर रखा गया। हर सुबह अल-रुसिया लड़कियों के कपड़े उतारकर उन्हें नग्न
कर देता।
इसके बाद उन्हें सूंघता और फिर तय करता कि आज किसके साथ सेक्स करना है।
एक लड़की को चुन लेने के बाद बाकी लड़कियों को उसके अंगरक्षक चुन लेते थे। इस
स्थिति में बच पाना असंभव था। एक बार पैरों पर उबलता हुआ पानी डाला गया। ऐसे में
कई बार मन किया कि खुद को खत्म कर लूं। लड़कियों को खाना बनाने के लिए, सफाई के लिए कहा जाता। कई बार तो उन्हें
आतंकियों के लिए नाचना व गाना भी पड़ता। आखिर नौ महीने की यातना के बाद भागने का
एक अवसर मिल गया। अप्रैल में अल रुसिया उसके अंगरक्षकों सहित मारा गया। इसके बाद
सारी लड़कियां आजाद हो गईं।