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Saturday, July 18, 2015

देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है ईद, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी बधाई

नई दिल्ली: रमजान का महीना पूरा होने के मौके पर ईद-उल-फितर आज देश भर में मनाया जा रहा है। अलग-अलग शहरों की मस्ज़िदों में नमाज पढ़ने के लिए नमाजियों की भीड़ जुटी है। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित दिल्ली के फतेहपुरी मस्जिद पहुंचे। वहां उन्होंने नमाज अदा की।

दिल्ली के जामा मस्जिद में हज़ारों लोगों ने नमाज अदा की। शुक्रवार रात चांद दिखने के बाद से ही ईद की तैयारी शुरू हो गई थीं। राष्ट्रपति ने लोगों की ईद की बधाई दी है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को ईद की बधाई दी है।

राष्ट्रपति ने कहा, 'ईद-उल-फितर के खुशी के मौके पर, मैं अपने नागरिकों को, खासतौर पर सभी मुसलमान भाइयों-बहनों को बधाइयां और शुभकामनाएं देता हूं।’

उन्होंने कहा, 'यह पावन दिन हम सब में सदाशयता और करुणा की भावना का संचार करे। इस दिन हम अपने मतभेद भुलाएं। सद्भाव, एकजुटता और भाईचारे में ईद-उल-फितर हर आस्था के लोगों को एकजुट करे और हमारे महान देश की मिश्रित संस्कृति के प्रति हमारे गौरव को और मजबूत करे।’

पीएम मोदी ने कहा, 'रमजान का पवित्र महीना खत्म होने जा रहा है, लोग ईद का इंतजार कर रहे हैं। देश-विदेश ईद मना रहा है। मैं इस मौके पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।' हामिद अंसारी ने अपने संदेश में कहा, 'ईद-उल-फितर मनाने के उच्च आदर्श हमारे जीवन को शांति, समृद्धि और सौहार्द से लबरेज करें तथा हमें मानवता की भावना के साथ एकजुट करें।'

इस्लामी चंद्र पंचांग के नौवें महीने में रमजान के दौरान मुसलमान रोजा रखते हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भोजन पानी नहीं लेते हैं। शाम में इफ्तार के समय लोग भोजन करते हैं।

 सौजन्य: NDTV NEWS


इराक में कार बम धमाका, 80 लोगों की हुई मौत

बगदाद। इराक के पूर्वी प्रांत दियाला के खान बनी साद इलाके में एक व्यस्त बाजार में हुए कार बम धमाके में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई है। बगदाद से करीब 30 किलोमीटर दूर यह क्षेत्र शिया बहुल है।

पुलिस और चिकित्सकों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिस समय यह धमाका हुआ, उस वक्त लोग ईद का त्योहार मना रहे थे। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि कई इमारतें ढह गयीं। हालांकि हमले की जिम्मेदारी किसी गुट ने नहीं ली है, लेकिन उत्तरी और पश्चिमी इराक के बड़े हिस्से पर इस्लामिक स्टेट का कब्जा है और वह पहले भी दियाला प्रांत में हमले कर चुका है। दियाला प्रांत में अधिकारियों ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है और ईद के मौके पर होने वाले जश्न को रद्द करने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले नाइजीरिया में नमाज पढ़ रहे लोगों को निशाना बनाया गया था। यहां दो अलग -अलग सिलसिलेवार बम धमाकों में 63 लोगों की मौत हो गई थी। ये तीनों धमाके उस मैदान में हुए जहां ईद की नमाज अदा करने की तैयारियां चल रही थी। दमातुरू शहर में शुक्रवार को तीन सिलसिलेवार बम धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक धमाका मस्जिद के निकट हुआ, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गयी।

सौजन्य: Patrika

नौकरी मिलना होगा आसान, सरकार एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में फूंकेगी जान

4:57:00 PM Posted by Unknown , ,
नई दिल्ली

एक दौर था जब सरकारी नौकरी के लिए रोजगार केंद्र में नाम दर्ज करवाना जरूरी समझा जाता था। नौकरी पाने का यह सबसे विश्वसनीय तरीका माना जाता था। लेकिन बदलते समय के साथ रोजगार केंद्र नहीं बदले और धीरे-धीरे इनकी प्रासंगिकता कम होती चली गई। पुराने पड़ चुके इन रोजगार केंद्रों में सरकार अब नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। इसके लिए इन रोजगार केंद्रों को नैशनल पोर्टल के रूप विकसित किया जाएगा। इस पोर्टल पर देशभर में नौकरी की जानकारी के साथ-साथ, इंटर्नशिप और कौशल निर्माण के कोर्सों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।

श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नैशनल करियर सर्विस पोर्टल के रोजगार केंद्रों में नई जान फूंकी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस इस पोर्टल का उद्घाटन करेंगे।

सरकार की कौशल और रोजगारपरक पीढ़ी को तैयार करने का यह कार्यक्रम यूनाइटेड किंगडम की सरकारी योजना से प्रेरित है जिसमें श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए सीधा बाजार तैयार किया जाता है। नौकरी चाहने वालेो के अलावा इस पोर्टल पर छात्रों को करियर काउंसलिंग भी दी जाएगी। इस पोर्टल से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नियोक्ता सीधे जुड़े होंगे। इसके साथ परोक्ष नियोक्ता जैसे स्टाफिंग एजेंसियां और कौशल निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग और ट्रेनर भी इस पोर्टल का हिस्सा होंगे।

सरकार की इस योजना में अस्थायी और फ्लेक्सी श्रमिक मुहैया करवाने वाला इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन भी भागीदार होगा। भारत में इस समय 982 रोजगार केंद्र हैं। पहले चरण में सरकार इनमें से 100 को आधुनिक बनाएगी।

सौजन्य: India Time News

चीन के होटल में देख रहा था वीडियो, आतंकी बताकर किया अरेस्ट, अब रिहा कर भेजा वापस

आतंकवादियों से कथित संबंधों के मामले में चीन में गिरफ्तार किए गए 46 वर्षीय भारतीय नागरिक को रिहा करके आज स्वदेश भेज दिया गया।

भारतीय अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। राजीव मोहन कुलश्रेष्ठ एक दक्षिण अफ्रीकी चैरिटी गिफ्ट ऑफ द गिवर्स से जुड़े 19 अन्य विदेशियों के साथ चीन आए थे।

उन्हें चीन के इनर मंगोलिया प्रांत के ओरदोस में होटल के अपने कमरों में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के वीडियो कथित रूप से देखने के मामले में 10 जुलाई को हिरासत में लिया गया था।

ऐसा बताया जा रहा है कि कुलश्रेष्ठ दिल्ली के एक व्यापारी हैं। उन्हें भारत के लिए रवाना होने की अनुमति देने से पूर्व कल शाम बीजिंग लाया गया था।

भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी करके बताया कि उसने कुलश्रेष्ठ की रिहाई में मदद की। दूतावास बीजिंग और मंगोलिया में चीनी अधिकारियों के निकट संपर्क में था।

बयान में बताया गया है कि कुलश्रेष्ठ को रवाना करते समय हवाईअडडे पर भारतीय अधिकारी मौजूद थे। चीन ने कुलश्रेष्ठ को स्वदेश वापस भेजने से पूर्व ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के 11 नागरिकों को रिहा कर दिया था।

कुलश्रेष्ठ को आठ अन्य के साथ हिरासत में रखा गया था। वह 47 दिनों की यात्रा पर चीन आए थे। दक्षिण अफ्रीकी मीडिया के अनुसार चीन ने आठ अन्य लोगों को भी रिहा कर दिया। इनमें दक्षिण अफ्रीका के पांच और ब्रिटेन के तीन नागरिक शामिल हैं।

इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए सभी 20 लोगों को रिहा कर दिया गया है। इससे पूर्व आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया था कि नौ लोगों को आतंकवाद संबंधी वीडियो देखने के मामले में हिरासत में लिया गया था।

यह मामला उस समय और पेचीदा बन गया जब इनर मंगोलिया में एक स्थानीय चीनी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आतंकवाद का प्रचार करने की भी कोशिश की थी।

गिफ्ट ऑफ द गिवर्स फाउंडेशन ने कहा था, समूह पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं लेकिन चीनी अधिकारी के बयान बहुत अस्पष्ट हैं। वे कह रहे हैं कि समूह में किसी व्यक्ति के एक संदिग्ध आतंकवादी संगठन से संबंध हैं और वह यह कह रहे हैं कि किसी के एक प्रतिबंधित समूह से संबंध हैं और वह यह भी कह रहे हैं कि गिरफ्तारी का वास्तविक कारण यह है कि कोई होटल में दुष्प्रचार संबंधी वीडियो देख रहा था।

सौजन्य:  Live Hindustan News

क्‍यों सलमान को डरा रही है 'बाहुबली'

निर्देशक एसएस राजामौली की हालिया रिलीज फिल्‍म 'बाहुबली' बॉक्‍स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई कर रही है. ऐसे में सलमान को इस फिल्‍म ने थोडा़ डरा भी दिया है क्‍योंकि सलमान की फिल्‍म 'बजरंगी भाईजान' भी हाल ही में रिलीज हुई है. सलमान का कहना है फिलहाल हम ऐसी फिल्‍में नहीं दे सकते. 'बाहुबली' ने रिलीज के पहले ही दिन 50 करोड़ की कमाई कर ली थी.

वैसे तो दर्शक र्इद के मौके पर सलमान की फिल्‍म का इंतजार करते हैं. सलमान की फिल्‍म ने भी पहले ही दिन बॉक्‍स ऑफिस पर लगभग 27 से 28 करोड़ की कमाई कर ली है. सलमान ने अपनी ही फिल्‍म 'किक' का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उम्‍मीद है कि फिल्‍म आगे भी अच्‍छी कमाई कर सकती है.

सलमान का कहना है कि,' 'बाहुबली' अच्‍छी फिल्‍म है और यह बॉक्‍स ऑफिस पर अच्‍छी कमाई कर रही है. फिल्‍म की कमाई मुझे डरा रही है. हमारी फिल्‍मों (बॉलीवुड) को भी ऐसी कमाई की जरूरत है.' वहीं दोनों ही फिल्‍मों का अपना दर्शक वर्ग है. अब देखना दिलचस्‍प होगा कि दोनों फिल्‍म कितना कमाई करती हैं.

 सौजन्य: प्रभात खबर(Prabhat Khabar)

श्रीनगर :गिलानी को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं मिली, हंगामा, पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराये गये

श्रीनगर : हुर्रियत नेता सैयद अहमद गिलानी को सरकार से मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद श्रीनगर में उनके समर्थक सड़क पर उतर आये और प्रदर्शन किया. श्रीनगर के हैदरपुरा इलाके जहां गिलानी का निवास स्थान है, वहां की ईदगाह के बाहर समर्थक जुटे और विरोध प्रदर्शन किया. गिलानी के समर्थकों ने पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट के झंडे लहराए. 

प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गये और उन्होंने पथराव भी किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया है. श्रीनगर में हंगामा बढ़ता जा रहा है और कई अन्य इलाकों से भी प्रदर्शन की खबरें आ रहीं हैं. खबर है कि अनंतनाग में भी हंगामा हुआ है. गौरतलब है कि कल भी श्रीनगर में इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान के झंडे लहराये गये थे. 

सौजन्य: प्रभात खबर (Prabhat Khabar)

Friday, July 17, 2015

अमेरिका में हुई गोलीबारी में चार मरीन की मौत, मारा गया हमलावर

चैटानूगा (अमेरिका): अमेरिका के टेनेसी में दो सैन्य केंद्रों पर एक बंदूकधारी की गोलीबारी में चार मरीन मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि इस हिंसा की जांच ‘घरेलू आतंकवाद’ के रूप में की जा रही है ।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में एक पुलिस अधिकारी, मरीन कोर भर्तीकर्ता और नौसेना का एक नाविक घायल हो गए। एफबीआई ने बंदूकधारी की पहचान मोहम्मद यूसुफ अब्दुलअजीज के रूप में की जो पुलिस के साथ हुई गोलीबारी में खुद भी मारा गया।

कल हुए इस हमले ने 2009 में फोर्ट हुड हिंसा और 2013 में वाशिंगटन के नेवी यार्ड हमले सहित अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान्नों में हुई अन्य भीषण गोलीबारियों की याद दिला दी। दोनों हमलों में क्रमश: 13 और 12 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस गोलीबारी को ‘‘हृदय विदारक’’ बताया और अमेरिका के लोगों से पीड़ितों के संबंधियों के लिए प्रार्थना करने को कहा।

चैटानूगा के महापौर एंडी बर्के ने इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तत्काल कार्रवाई किए जाने की सराहना करते हुए कहा, ‘जो हुआ और हमारे देश की गौरवपूर्ण सेवा करने वालों के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया वह समझ से बाहर है। आज की रात चैटानूगा शहर के लिए बुरे सपने की तरह है।’ टेनेसी के उस हिस्से के अमेरिकी संघीय वकील बिल किलियन ने कहा कि इस गोलीबारी मामले की जांच ‘घरेलू आतंकवाद’ के तौर पर की जा रही है ।

एफबीआई के विशेष एजेंट एड रेनहोल्ड ने कहा, ‘हम इसकी हर संभव दृष्टिकोण से जांच कर रहे हैं कि यह घरेलू , अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद है या फिर एक सामान्य आपराधिक कृत्य।’ अमेरिकी अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच ने बताया कि एफबीआई हमारे सैन्यकर्मियों पर हुए इस जघन्य हमले की जांच करेगी। अब्दुलअजीज चैटानूगा के उपनगर में रहने वाला एक मुस्लिम था।


सौजन्य: Zee News

भारत-अमेरिका ऐसी आर्थिक ताकतें, जो परस्‍पर विकास में कर रहीं मदद

10:14:00 PM Posted by Unknown , , , ,

वाशिंगटन : भारतीय कंपनियों द्वारा अमेरिका में हजारों नौकरियां पैदा करने और अरबों डॉलर की राशि निवेश करने की रिपोर्टों के बीच अमेरिका में भारत के राजदूत अरुण के सिंह ने कहा है कि दोनों देश ऐसी ‘आर्थिक शक्तियां’ हैं जो एक परिवर्तनशील वैश्विक बाजार में एक दूसरे के विकास में मदद कर रही हैं।
सिंह ने ‘द हिल’ पत्रिका में लिखा, हमारा एक दूसरे के आर्थिक भविष्य में योगदान है और वह भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘आर्थिक ताकतें हैं’ जो एक परिवर्तनशील वैश्विक बाजार में ‘विकसित होने में एक दूसरे की मदद कर रही हैं।’ भारतीय उद्योग परिसंघ और ग्रांट थॉर्नटन ने इस सप्ताह एक नई रिपोर्ट में बताया कि भारत की 100 कंपनियों ने अपने अमेरिकी व्यापारों में कुल 15.3 अरब डॉलर का निवेश करके 91,000 नई नौकरियां पैदा कीं हैं जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान है। ये नौकरियां देशभर में अलग अलग जगह पैदा हुई हैं।
सिंह ने कहा कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों के समग्र संदर्भ में जिस उल्लेखनीय बात की ओर लोगों का ध्यान नहीं जाता, वह यह है कि भारतीय कंपनियां अमेरिका में अपने व्यवसायों में कई डॉलर निवेश कर रही हैं और यहां हजारों नौकरियां पैदा कर रही हैं। राजदूत ने कहा कि यह बड़ा निवेश विश्वास और स्पष्टता का सबूत है जो भारत और अमेरिका के लोगों और सरकारों के बीच है। सिंह ने लिखा कि भारत निवेश में आने वाली बाधाओं को कम कर रहा है और कारोबार विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है। उदाहरण के तौर पर भारत सरकार ने पिछले एक साल में बीमा, चिकित्सकीय उपकरणों, रेलवे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा दी है।

 सौजन्य: Zee News

'बजरंगी भाईजान' रिव्यू: अलग किरदार में छाए सलमान, मनोरंजन से भरपूर मेलोड्रामा

नई दिल्ली : बजरंगी भाईजान एक ऐसा मेलोड्रामा है जिसमें एक परम्परावादी व्यक्ति परम्पराओं, समाज, कानून ,सुरक्षा और कट्टर राष्ट्रवाद से लड़ते हुए छह साल की एक मूक पाकिस्तानी लड़की को उसके गांव पहुंचाता है। यह फिल्म पहले की ही तरह पूरी तरह से सलमान खान के इर्द गिर्द घूमती है ।
फिल्म में सलमान खान अपनी पिछली फिल्मों की तरह न तो रोमांचक संवाद बोलते दिखे हैं न ही स्टंट सड़क पर विलेन के साथ लड़ाई करते। फिल्म में सलमान का बिना शर्ट का एक भी दृश्य नहीं है। हालांकि एक आध दृश्य में जब लड़की की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है ,वहां उन्हें बल इस्तेमाल करते देखा जा सकता है । जहां यह फिल्म एक ओर सलमान के पक्के प्रशंसकों को थोड़ा निराश कर सकती है वहीं इस फिल्म को देखने के बाद सलमान के कुछ नए प्रशंसक भी बन सकते हैं।
इस फिल्म में सलमान एक बेहद अलग अंदाज में दिखे हैं, पर यह अंदाज लोगों के दिलों में कितनी जगह बना पाता है यह आने वाले समय में फिल्म को लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रिया से ही साफ हो पाएगा। बजरंगी भाईजान की कहानी की शुरूआत पाकिस्तान के एक गांव में होती है जहां एक बच्ची का जन्म हुआ है । छह साल बाद यह बच्ची शाहिदा (हर्षाली मल्होत्रा) समझौता एक्सप्रेस में सफर के दौरान भारत में ही छूट जाती है।
शाहिदा बोलने में अक्षम हैं, वह भारत में बजरंग बली के भक्त पवन कुमार चतुर्वेदी (सलमान खान) को मिल जाती है। जिसके बाद वह उसे मुन्नी कहना शुरू कर देते हैं। यहीं से फिल्म की असली कहानी शुरू होती है जिसमें पवन समाज और कानून से लड़ते हुए और अपनी जान पर खेलते हुए मुन्नी को उसके पाकिस्तान स्थित गांव पहुंचाने के लिए जद्दोजहद करता है। उनके इस कठिन लक्ष्य को पूरा करने में उनकी प्रेमिका रसिका (करीना कपूर) भी उनकी मदद करती है। पवन प्रतापगढ़ से दिल्ली आने के बाद से रसिका के घर में ही रहते हैं। जहां उसे रसिका से प्यार हो जाता है।
इंटरवल के बाद चांद नवाब (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की एंट्री से फिल्म को एक नया जोश मिलता है। नवाब एक पाकिस्तानी पत्रकार हैं जो मुन्नी को उसके घर पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुन्नी को उसके घर पहुंचाने के इस सफर में पवन और नवाब के बीच कई मजेदार दृश्य भी हैं। फिल्म सलमान खान की अन्य फिल्मों की तरह भले ही मसोलदार नहीं है पर फिल्म में हर्षाली मल्होत्रा की बिना कुछ कहे सब कुछ कह जाने वाली लाजवाब अदाकारी आकषर्ण का केंद्र जरूर है। हर्षाली के जबरदस्त एवं सहज अभिनय और फिल्म के कट्टर राष्ट्रवाद के खिलाफ दिए संदेश के लिए आप यह फिल्म देख सकते हैं।

सौजन्य: Zee News

श्री श्री रविशंकर को तहरीक-ए-तालिबान ने दी जान से मारने की धमकी

जाने-माने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को तहरीक-ए-तालिबान नाम के आतंकी संगठन ने खत भेजकर जान से मारने की धमकी दी है. इस धमकी के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा और पुख्ता करने का आदेश जारी कर दिया है.

अनुयायियों को विस्फोट से उड़ाने की धमकी
श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग को तहरीक-ए-तालिबान के दो खत मिले हैं. खत में उन्हें नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई है. यही नहीं, तहरीक-ए-तालिबान ने उनके अनुयायियों को भी विस्फोट करके मारने की धमकी दी है.

सुरक्षा बढ़ाने का आदेश
गृह मंत्रालय ने कर्नाटक की पुलिस को उनकी सुरक्षा और मजबूत करने के लिए कहा है. सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसियों से अलर्ट मिलने के बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया. इस्लामाबाद के बानी गाला में स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के सेंटर में कुछ समय पहले तोड़-फोड़ भी की जा चुकी है.
IS से भी मिल चुकी है धमकी
श्रीश्री रविशंकर को मलेशिया यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट' (IS) ने भी जान से मारने की धमकी दी थी. उन्हें यह धमकी इस साल मार्च में मिली थी.



सौजन्य: AAJ TAK

पीएम ने ‘राजनैतिक दामाद’ की टिप्पणी से रॉबर्ट वाड्रा पर साधा निशाना

जम्मू: पीएम नरेंद्र मोदी एक दिन के दौरे पर जम्मू पहुंचे। यहां उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के दिवंगत नेता गिरधारीलाल डोगरा की जन्मशती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भाग लिया।

यहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीतिक संस्कृति पर आज चुटकी ली और भूमि सौदों के कारण विवाद में आए सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा नाम लिए बिना कहा कि आज हम जानते हैं कि दामादों के कारण क्या-क्या बातें होती हैं। उन्होंने छुआछूत की राजनीति को भी अस्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विरासतों को इस आधार पर बांटा नहीं जाना चाहिए।

जोरावर सिंह स्टेडियम में आयोजित कांग्रेस के दिग्गज दिवंगत नेता गिरधारी लाल डोगरा जन्मशती समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, दामाद, ससुर के कारण नहीं और ससुर दामाद के कारण नहीं जाने जाते। वरना इतने समय में कभी तो अरुण (वित्त मंत्री अरुण जेटली) जी का मन किया होगा.. लेकिन दोनों ने एक दूसरे को इससे अलग रखा। आज तो हम जानते हैं कि दामादों के कारण क्या-क्या बातें होती हैं। उल्लेखनीय है कि जेटली गिरधारी लाल के दामाद हैं।

सार्वजनिक जीवन में मर्यादा के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने ने कहा कि हम किस दल के हैं, किस विचाराधारा के हैं, इससे सार्वजनिक जीवन नहीं चलता है, राजनीति में छुआछूत नहीं होता, बल्कि देश के लिए मरने जीने वालों का सम्मान होता है। हम जो बाद की पीढ़ी के लोग हैं, उनका दायित्व है कि हम अपनी विरासत को बंटने नहीं दें। इसमें भेदभाव, छुआछूत न करें, सभी महापुरुषों का सम्मान करें। उन्होंने कहा,  आज के राजनीतिक जीवन के लिए यह संदेश है। किसी भी नेता का जन्मशती मनाना ऐसा संदेश है, जो आज नजर नहीं आता है। गिरधारी लाल जी ने जीवन में पल-पल मर्यादाओं का पालन किया।

परिवारवाद पर चोट करते हुए मोदी ने कहा, मैंने राजनीति से जुड़ी उनकी (गिरधारी लाल) जितनी तस्वीर देखी है, उसमें उनके परिवार का एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। इतने लम्बे समय तक सार्वजनिक जीवन और सत्ता के गलियारे में रहने तथा देश के शुरुआती सभी प्रधानमंत्रियों से निकट संबंध होने के बाद भी एक भी तस्वीर में परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया। सिर्फ अंत्येष्टि की तस्वीर में परिवार के सदस्य थे।

मोदी ने कहा कि गिरधारी लाल सार्वजनिक जीवन में देशभक्ति की प्रेरणा से आए थे, ‘तब आए थे, जब लेना, पाना, बनना कोई मायने नहीं रखता था। छुआछूत की राजनीति पर प्रहार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डोगरा साहब को व्यक्तियों की परख बहुत थी। इसलिए उन्होंने गुलाम नबी आजाद (अभी राज्यसभा में विपक्ष के नेता) को तब कांग्रेस युवा मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया था। इसका उदाहरण है, उन्होंने जो दामाद चुने..वरना अरुण जी (जेटली) के विचार और उनके विचार में कोई मेल नहीं था। उन्होंने कहा कि गिरधारी लाल जम्मू-कश्मीर के कद्दावर नेता थे, जिन्होंने वहां के वित्तमंत्री के रूप में 26 बार बजट पेश किया। ऐसा मौका उस व्यक्ति को ही मिलता है जिसका राजनीतिक जीवन सभी के समक्ष स्वीकृत और पारदर्शी हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आज दो या तीन पीढ़ियां ऐसी होंगी जो यह कहती हैं कि उन्हें गिरधारी लाल जी का अंगुली पकड़कर चलने का मौका मिला। उन्होंने कार्यकर्ताओं की ऐसी परंपरा तैयार की जो आगे चलकर स्वच्छ राजनीति के पथ पर आगे बढ़े।

समारोह में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह, गुलाम नबी आजाद आदि मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर बहुत कम राजनीतिक ऐसे होते हैं, जो मरने के बाद भी जीवित रहते हैं। कुछ ही समय में भुला दिए जाते हैं। लोग भी उन्हें भूल जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे अपवाद होते हैं, जो अपने कार्यकाल में जैसा काम करते हैं, जिस प्रकार का जीवन जीते हैं, उसके कारण मृत्यु के काफी समय बाद भी लोगों के जेहन में बने रहते हैं, गिरधारी लाल जी ऐसे ही नेता थे।

सूत्रों के हवाले से ख़बर है पीएम इस यात्रा के दौरान जम्मू कश्मीर के लिए 70 हज़ार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का ऐलान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान जम्मू में AIIMS की शाखा का भी उदघाटन कर सकते हैं।



भाषण के मुख्य अंश -

    यह गिरधारीलाल जी की जन्मशती है।
    आजकल राजनैतिक माहौल इस तरह का है कि मृत्यु हो जाने के बाद कुछ ही नेता हैं, जिन्हें याद किया जाता है।
     कुछ नेता ऐसे होते हैं, जो अपनी जीवनचर्या के कारण अमर हो जाते हैं - गिरधारीलाल जी उन्हीं नेताओं में से हैं, जिनकी यादें हमेशा रहेंगी।
    गिरधारीलाल जी की तस्वीरों में उनके परिवार का कोई भी सदस्य कभी दिखाई नहीं दिया।
    यह बहुत बड़ी बात है कि इतना लंबा राजनैतिक जीवन होने, सत्ता में रहने, और प्रधानमंत्रियों से घनिष्ठ संबंध होने के बावजूद उनकी किसी तस्वीर में कोई परिजन नहीं दिखता।
    उनके परिवार को सिर्फ एक तस्वीर में देखा जा सकता है, जो उनकी अंत्येष्टि की है।
     यह आज के राजनेताओं के लिए एक संदेश है।
     गिरधारीलाल जी को व्यक्ति की समझ और पहचान थी।
     उन्होंने गुलाम नबी आज़ाद को युवक कांग्रेस का नेता नियुक्त किया।
    एक उदाहरण है उनका दामाद, जो उन्होंने चुना (वित्तमंत्री अरुण जेटली गिरधारीलाल डोगरा के दामाद हैं)
     यहां हम देखते हैं, दामाद या ससुर ने प्रसिद्धि और पहचान के लिए एक-दूसरे का सहारा नहीं लिया।
    लेकिन हम जानते हैं, आजकल राजनीति में दामादों के बारे में कैसी-कैसी बातें सुनने को मिलती हैं।

सौजन्य: NDTV

गुजरात का 'कैंसर गांव', यहां सबसे ज्यादा लोग कैंसर से मरते हैं

9:43:00 PM Posted by Unknown , , ,
गुजरात के महेसाणा जिले के बेचराजी का प्रतापगढ गांव जहां लोगों को सबसे ज्यादा डर कैंसर से लगता है। इनका डर जायज़ भी है क्योंकि पिछले कई सालों से गांव में सबसे ज्यादा मौत इसी बीमारी से हुई है। गांव के बस्ती की आबादी फिलहाल 340 लोगों के करीब है। 100 साल पहले ये गांव बसा था तब से लेकर अब तक करीब 150 लोगों की गांव में मौत हुई होगी, जिसमें से करीब आधे लोग कैंसर के शिकार हुए हैं।

गांव के हंसमुख पटेल का कहना है कि कैंसर तो यहां हमेशा से ही व्याप्त था लेकिन पिछले कुछ सालों में इसको लेकर डर बहुत बढ़ गया है। पहले तो ज्यादातर बूढे लोगों को ही कैंसर होने के मामले सामने आते थे, लेकिन पिछले कुछ समय में हंसमुख पटेल के दो भतीजे युवावस्था में इस बीमारी के शिकार हो गये। युवाओं में भी कैंसर को लेकर डर बढ़ता जा रहा है।

गांव में फिलहाल तो 4 लोगों को ही कैंसर है, लेकिन इसके ख़ौफ और इस बीमारी से जुड़े इतिहास से गांव के बारे में काफी चर्चा होने लगी है। गांववालों का कहना है कि इसकी वजह से सामाजिक तौर पर काफी गलत असर पड़ रहा है। इस वजह से कई लोग अपनी बेटियों की शादी यहां नहीं करना चाहते।

लोगों की परेशानी की वजह एक और है। पास के बहुचराजी मंदिर में जब बड़ा दिन होता है तो हजारों लोग इस गांव से होकर पदयात्रा करते हुए दर्शन के लिए जाते हैं और गांव के लोग इन दर्शनार्थियों के लिए पानी का इंतज़ाम करते हैं।
इस बीमारी की वजह से लोग यहां का पानी पीने में भी संकोच करेंगे।

कैंसर के जानकार कहते हैं कि उन्होंने पहले कभी एक ही गांव में इतने सारे कैंसर के रोगियों के बारे में नहीं सुना। महेसाणा की ही डॉ. निराली त्रिवेदी कहती हैं कि अगर एक ही किस्म का कैंसर हो तो वजह का पता लगाया भी जा सकता है, लेकिन जब मुंह,गर्भाशय,लीवर,स्तन,अलग-अलग किस्म के कैंसर हो तो वजह तय कर पाना मुश्किल है। ऐसे में कारण का पता लगाने में अरसा लग सकता है।

सौजन्य: NDTV

टीम इंडिया का विजयी अभियान जारी, वनडे में सफाई के बाद जिंबाब्‍वे को पहले टी-20 में भी हराया

हरारे : युवा अक्षर पटेल और हरभजन सिंह की बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी के दम पर भारत ने पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में आज जिम्बाब्वे को 54 रन से हराया. पटेल ने 17 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि हरभजन ने 29 रन देकर दो विकेट चटकाये. जीत के लिये 179 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे टीम सात विकेट पर 124 रन ही बना सकी. इससे भारत को दो मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त मिल गई.

टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पांच भारतीयों में से एक बायें हाथ के स्पिनर पटेल और अनुभवी हरभजन ने मैच का परिणाम काफी पहले ही तय कर दिया था. इससे पहले राबिन उथप्पा (नाबाद 39), अजिंक्य रहाणे (33) और मुरली विजय (34) की पारियों की मदद से भारत ने आज पांच विकेट पर 178 रन बनाये. जीत के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिंबाब्‍वे की टीम जूझती नजर आई. भारतीयों ने बेहतरीन लाइन और लैंग्थ से गेंदबाजी की. तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने दो ओवर के पहले स्पैल में सिर्फ चार रन दिये.

चामू चिभाभा (23) को हरभजन ने नौवें ओवर में पवेलियन भेजा. पहले विकेट के लिये 55 रन की साझेदारी करने के बाद चिभाभा सीमारेखा के पास मनीष पांडे द्वारा लपके गए.  पटेल ने पांच गेंद के भीतर दो विकेट लेकर जिम्बाब्वे की पारी की कमर तोड दी. हैमिल्टन मसाकाजा (28) ने शार्ट फाइन लेग पर केदार जाधव को कैच थमाया. वहीं कप्तान एल्टन चिगुंबुरा (1) क्लीन बोल्ड हो गए.

हरभजन ने जिंबाब्‍वे के चार्ल्स कोवेंटरी (10) को 11वें ओवर में आउट किया. उस समय मेजबान टीम का स्कोर चार विकेट पर 68 रन हो गया था और प्रति ओवर 14 की औसत से रन बनाने थे. पटेल ने 16वें ओवर में सिकंदर रजा (10) के रुप में तीसरा विकेट लिये जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले संदीप शर्मा ने 18वें ओवर में ग्रीम क्रेमर के रुप में पहला विकेट लिया.

मनीष पांडे, केदार जाधव और स्टुअर्ट बिन्नी ने भी टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आज पदार्पण किया. अगला मैच रविवार को खेला जायेगा. इससे पहले वनडे श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके उथप्पा ने समझदारी से खेला और पारी के सूत्रधार की भूमिका निभाई. भारत ने इससे पहले टास जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था.

उथप्पा ने मनीष पांडे (19) के साथ तीसरे विकेट के लिये 45 रन जोडे. इससे पहले सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (33) और मुरली विजय (34) ने शीर्षक्रम पर भारत को अच्छी शुरुआत दी. उथप्पा ने 35 गेंद की अपनी पारी में दो चौके लगाये. भारत ने अच्छी शुरुआत की जब कप्तान रहाणे और विजय ने सात ओवरों में 64 रन जोडे. दोनों ने आसानी से रन बनाये लेकिन विजय के रन आउट होने से उनकी साझेदारी टूट गई.

बडी पारी खेलने की ओर बढते दिख रहे विजय मिडविकेट से सिकंदर रजा के सटीक थ्रो पर रन आउट हो गए. उन्होंने 19 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया. रहाणे ने इक्के दुक्के रन बनाकर स्ट्राइक रोटेट करना जारी रखा. वह 10वें ओवर में लेग स्पिनर ग्रीम क्रेमर की गेंद पर आउट हुए.

रहाणे प्वाइंट पर खडे फील्डर मसाकाजा को कैच देकर लौटे. रहाणे के आउट होने के समय भारत का स्कोर दो विकेट पर 82 रन था. रहाणे ने 32 गेंदों का सामना करके अपनी पारी में दो चौके लगाये. जिंबाब्‍वे के धीमे गेंदबाजों ने भारत की रनगति पर अंकुश लगाया. क्रेमर ने चार ओवरों में सिर्फ 20 रन देकर एक विकेट लिया. भारतीय टीम 10वें से 14वें ओवर के बीच पांच ओवर में सिर्फ 31 रन बना सकी. पांडे और उथप्पा ने भारत की रन गति को आगे बढाया. पांडे 19 गेंद में 19 रन बनाकर 16वें ओवर में आउट हो गए. जिंबाब्‍वे के लिये तेज गेंदबाज क्रिस पोफू ने चार ओवर में 33 रन देकर तीन विकेट लिये.


सौजन्य: प्रभात खबर

श्रीनगर में फिर लहराये गये पाक-आईएसआईएस के झंडे, सुरक्षा बलों से भिड़ंत

9:25:00 PM Posted by Unknown , , ,
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी में आज यहां सुरक्षा बलों और युवाओं के एक समूह में झड़प हो गयी और इस दौरान कुछ अलगाववादी तत्वों ने पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआईएस के झंडे लहराए.

अधिकारियों ने बताया कि शहर के नोहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद युवाओं के एक समूह ने विवादित झंडा लहराया और अलगाववादी समर्थक और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आंसू गैस के गोले छोडे.

अधिकारियों ने बताया कि युवकों ने नोहट्टा चौक से खनयार चौक की ओर जाने से पहले तिरंगे में आग लगा दी. उन्होंने बताया कि हालांकि वहां पर मौजूद पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों की बडी टुकडी ने उन्हें रोक दिया जिससे झडप हो गयी और अंतिम खबर मिलने तक यह जारी थी. अधिकारियों ने बताया कि किसी के चोटिल होने की सूचना नहीं है.

गौरतलब हो कि श्रीनगर में इससे पहले भी पाकिस्‍तानी झंडे और आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट (आईएस) के भी झंडे लहराये गये हैं. इसको लेकर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. दूसरी ओर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्‍मू दौरे पर गये थे. जहां गिरधारी लाल डोगरा की 100वीं जयंती पर आयोजित समारोह में मोदी ने हिस्सा लिया.

सौजन्य: नवभारत टाइम्स (India Times)

13 साल बाद गोधरा कांड का आरोपी पुलिस हिरासत में

9:14:00 PM Posted by Unknown , ,
अहमदाबाद
पंचमहल पुलिस ने गुरुवार सुबह 13 साल बाद गोधरा कांड के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कादिर अब्दुल गनी पटियाला साबरमती एक्सप्रेस के S7 बॉगी में 27 फरवरी 2002 को आग लगाने वाले लोगों की भीड़ में शामिल था।
गोधरा स्टेशन के पास हुई इस वारदात में 59 यात्री बॉगी के अंदर जलकर मर गए थे। इसके बाद गुजरात के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर सांप्रदायिक दंगा शुरू हो गया। गोधरा कांड के कम-से-कम 15 आरोपी अब तक फरार थे। आरोपी पटियाला भी इन्हीं फरार आरोपियों में से एक था।
पंचमहल पुलिस की स्थानीय क्राइम ब्रांच ने गुरुवार सुबह पटियाला को अपने कब्जे में ले लिया। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि पटियाला शहर के सतपुल ओढ़ा इलाके में स्थित न्यू रोजी होटल में आने वाला है। पुलिस ने पटियाला को होटल से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच ने उसकी पहचान की पुष्टि की।
गोधरा कांड की जांच कर रही एसआईटी को पटियाला की गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई। वडोदरा से एसआईटी का एक दल गुरुवार दोपहर को गोधरा पहुंचा। उन्होंने पटियाला को अपनी हिरासत में ले लिया।

एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी पटियाला साबरमती एक्सप्रेस की बॉगी संख्या S7 में आग लगाने वाली भीड़ के मुख्य समूह का हिस्सा नहीं था। एसआईटी के मुताबिक आरोपी उस भीड़ का हिस्सा था जिसने बॉगी के अंदर बैठे यात्रियों पर पत्थर फेंके थे और बाद में बॉगी के अंदर घुसकर लूटपाट की थी।

एसआईटी पटियाला से वारदात से जुड़ी चीजें पूछने के अलावा यह भी पूछेगी कि इन 13 साल में फरार रहने के दौरान वह कहां-कहां रहा था।

सौजन्य: नवभारत टाइम्स (India Times)

19 का लड़का, 20 की लड़की, रेप से मर्डर का सफर

9:06:00 PM Posted by Unknown , , ,
अहमदाबाद
 एक कॉलेज स्टूडेंट के मर्डर की जांच करते हुए पुलिस ने मृतक लड़की के बॉयफ्रेंड को रेप और मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में लड़के ने आरोपों को स्वीकार भी कर लिया। हत्या में बेल्ट का प्रयोग किया गया था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया और सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिल गई।

आरटीओ के नजदीक किंग्स पैलेस होटेल के स्टाफ ने होटेल के एक कमरे में लड़की की लाश बरामद की थी। लड़की के साथ जो लड़का था, वह मौके से फरार हो गया था। लड़की की पहचान दर्शना (20) और लड़के की पहचान कृष्णा (19) के तौर पर की गई। दोनों नवगुजरात कॉलेज में बीएससी के फाइनल इयर के छात्र थे।

पुलिस ने बताया कि कृष्णा को जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया। पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों पिछले 6 महीने से रिलेशनशिप में थे। दर्शना के माता-पिता को इस रिश्ते के बारे में जानकारी नहीं थी। इन दोनों का रिश्ता टूटने के बाद कृष्णा ने दर्शना को आखिरी बार मिलने के लिए होटेल के रूम में बुलाया था।

ऐसे में कॉलेज जाने के बजाय दोनों होटेल पहुंच गए जहां कृष्णा ने दर्शना पर धोखा देने का आरोप लगाया। इसके बाद कृष्णा ने दर्शना पर हमला कर दिया और बेल्ट से उसका गला घोंट दिया। दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने थे, इसलिए पुलिस ने कृष्णा पर रेप का आरोप भी लगाया। कृष्णा ने पुलिस को बताया कि वह हत्या नहीं करना चाहता था बल्कि दर्शना को डराना चाहता था। जह वह मर गई तो कृष्णा डर गया और वहां से भाग गया।



सौजन्य: नवभारत टाइम्स (India Times)

गोवा के मोरजिम बीच पर अब मगरमच्छ का ‘कब्जा’

8:55:00 PM Posted by Unknown , ,
गोवा के लोकप्रिय मोरजिम तट पर एक मगरमच्छ की मौजूदगी ने यहां आने वाले पर्यटकों के बीच दहशत पैदा कर दी है। मगरमच्छ को समुद्र तट पर देखे जाने के बाद से ही यहां आने वाले लोगों की संख्या में न केवल बेहद कमी आई है, बल्कि आस-पास के इलाकों में भी डर बैठ गया है।
एक स्थानीय व्यक्ति निलेश बागकर द्वारा बुधवार को मोरजिम समुद्र तट पर पहले-पहल एक मगरमच्छ देखा गया। निलेश उस समय तट पर ही मौजूद थे।

मगरमच्छ जो कि नदी के मीठे पानी में पाया जाता है, मोरजिम तट पर समंदर के खारे पानी में मौजूद था। समंदर से बाहर निकलकर वह किनारे पर घूम रहा था।


उक्त तट गोवा के तेम्बवाडा में स्थित है। मगरमच्छ को देखकर स्थानीय कुत्तों ने उसका पीछा करने की कोशिश की। कुत्तों से घबराकर मगरमच्छ समंदर के पानी में घुस गया।
समुद्रतट पर मगरमच्छ देखे जाने की खबर आस-पास के गांवों में फैल गई है। ग्रामीण, खासतौर पर मछुवारे, अब समंदर में जाने से डर रहे हैं। इस साल मॉनसून के अपेक्षाकृत कम रहने के कारण पर्यटक अभी भी मोरजिम तट पर आ रहे थे। स्थानीय लोग भी सुबह-शाम किनारे पर टहलने के लिए जाते हैं। मगरमच्छ के देखे जाने के बाद से ही तट पर लोगों की गतिविधियां बेहद कम हो गई हैं।
मगरमच्छ कुदरती तौर पर मीठे पानी का जीव है। खारे पानी में उसे देखे जाने की यह घटना अपने-आप में बेहद अजीब और चौंकाने वाली है।

सौजन्य:    नवभारत टाइम्स (India Times)

गुजरात: 'हीरो' के परिवार वालों को डर से बनना पड़ा हिन्दू'

8:12:00 PM Posted by Unknown , ,
इसी महीने एक जुलाई को गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल अहमदाबाद के मुस्लिम बाहुल्य इलाके जमालपुर में 18वीं शताब्दी की तीन मंजिला मीनार पर सांप्रदायिक सद्भावना के दो गुजराती आइकन के सम्मान में एक म्यूजियम का उद्घाटन करने पहुंची थीं। इसी दिन 1946 में वसंतराव हेगिस्ते और रजब अली लखानी को दंगाइयों की भीड़ ने वार्षिक जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा के दौरान मार दिया था। पहले मुसलमान और फिर हिन्दुओं को बचाने में इन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

बंधुत्व स्मारक के उद्घाटन के दौरान आनंदीबेन पटेल इन दोनों नायकों से जुड़े निजी सामान जैसे- सैंडल, चश्मा, अखबारों के कतरन और जेल रिकॉर्ड के दस्तावेज देख रही थीं। उस वक्त वहां हेगिस्ते के परिवार वाले भी मौजूद थे। लेकिन लखानी के परिवार वाले? ये लंबे समय से गायब हैं। दंगों में लगातार निशाने बनाए जाने के कारण लखानी के परिवार वाले अमेरिका और कनाडा शिफ्ट हो गए। यहां तक कि ये खुद को लखानी परिवार से जुड़े होने की बात बताने से डरते हैं। इनके भतीजे रश्मिन जो कि राशिद के नाम से जाने जाते थे ने इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर कहा, 'हमलोगों ने हिन्दू नाम रखने का फैसला किया। हमने अपना मजहब बदला और रजब अली लखानी से जुड़े होने की बात छुपाई।'

वे कहां हैं इसे बताने को लेकर सतर्क रश्मिन ने कहा कि लखानी के छोटे भाई रमजान अली के साथ कई लोग थे लेकिन उन्हें भी धर्म बदलना पड़ा। ऐसा उन्होंने नारानपुरा स्थित घर में अपने परिवार वालों पर हुए हमले के बाद किया। रमजान अली ने अपना नाम बदलकर रमनलाल कर लिया था। रमनलाल स्थानीय अखबार में पत्रकार थे। तीन साल पहले उनकी मौत हो गई। इनकी पत्नी का निधन कुछ हफ्ते पहले म्यूजियम के उद्घाटन से पहले हुआ था। अहमदाबाद स्थित इतिहासकार

रिजवी कादरी ने जब इस परिवार को म्यूजियम के उद्घाटन मौके पर आमंत्रित करने के लिए खोजना शुरू किया तब यह पूरी कहानी सामने आई। जहां हेस्तिगे और लखानी की दंगाइयों ने हत्या की थी वहां से 400 मीटर की दूरी पर म्यूजियम बना है। म्यूजियम की कल्पना अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की थी ताकि पुलिस की छवि लोगों के बीच संवेदनशील और सेक्युलर बने। इस साल रथ यात्रा 18 जुलाई को निकलने वाली है। इसी तारीख को ईद भी पड़ सकती है।

76 साल के रश्मिन, रजब अली के बड़े भाई वजीर अली के बेटे हैं। 1965 में इन्होंने हिन्दू धर्म को अपना लिया था। भावनगर की हिन्दू महिला से ही इन्होंने शादी की और अमेरिका चले गए। रश्मिन ने कहा, 'करीब तीन से ज्यादा बार 1969 और 1967 के दंगों में हमें मारने की कोशिश की गई क्योंकि हमलोग ने मजहब बदलने का फैसला किया था।' रश्मिन ने कहा, 'मेरे दोनों बच्चे जब तक 18 और 19 साल के नहीं हो गए तब कर उन्हें नहीं पता था कि उनका पिता मुस्लिम है।

मेरा तलाक हो गया है।' रमजान अली लखानी उर्फ रामलाल के बड़े बेटे सुभान कनाडा में रहते हैं। इन्होंने अपना नाम साम लखानी रख लिया। हालांकि इन्होंने औपचारिक रूप से मजहब नहीं बदला। इन्होंने फोन पर कहा, '1969 का दंगा देश बंटवारे से पहले के दंगे की तरह था। करीब 10 हजार मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी। मेरा परिवार भी जान बचाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकता रहा। मैं तो पहले ही अमेरिका चला गया था लेकिन मेरे भाई और बहनों को नाम बदलना पड़ा।'

साम लखानी ने कहा, 'मैं चाहता था कि मेरे माता-पिता भी सुरक्षा के कारण कनाडा आ जाएं। वे 1986 में आए लेकिन यहां की ठंड नहीं झेल पाए और फिर वापस चले गए।' साम लखानी भी अपने परिवार वालों के लोकेशन बताने में सतर्क दिखे। साम ने कहा, '1969 के दंगों के दौरान हम सभी एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहे। कभी गांधी आश्रम तो कभी मुंबई तो फिर नादियाड और आखिर में अहमदाबाद आकर हमे हिन्दू धर्म अपनाना पड़ा। रमजान अली के और बच्चे पश्चिमी अहमदाबाद में रहते हैं। ये अपने अतीत से बिल्कुल अलग हो चुके हैं। रजब अली लखानी खोजा मुस्लिम थे जिनका जन्म 27 जुलाई 1919 को कराची में हुआ था। वसंत और रजब का बलिदान अहमदाबाद के लोकसाहित्य में लंबे समय से मिसाल की तरह लोकप्रिय है। रजब और वसंत कांग्रेस सेवा दल के सदस्य थे।

1947 में प्रसिद्ध गुजराती कवि जावेरचंद मेघानी द्वारा वसंत-रजब की याद में संकलित किताब में वंसत की छोटी बहन हेमलता हेगिस्ते ने लिखा है कि दोनों मौत के बाद ही अलग हुए। इनके शव को कांग्रेस हाउस से बाहर लाये गये थे। पीस ऐक्टिविस्ट जो कि 2002 के गुजरात दंगों में इंसाफ की मांग कर रहे हैं, उन्होंने पिछले कुछ सालों से इनकी पुण्य तिथि पर सांप्रदायिक सद्भावना दिवस मनाना शुरू किया है। वसंत हेगिस्ते के भतीजे उदय की पत्नी नीता ने कहा कि दोनों परिवारों के लोग कभी भी संपर्क में नहीं रहे। नीता म्यूजियम के उद्घाटन समारोह में मौजूद थीं।

सौजन्य: भारत टाइम्स (indiatimes)

अमेरिका में हुई गोलीबारी में चार मरीन की मौत, मारा गया हमलावर


चैटानूगा (अमेरिका): अमेरिका के टेनेसी में दो सैन्य केंद्रों पर एक बंदूकधारी की गोलीबारी में चार मरीन मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि इस हिंसा की जांच ‘घरेलू आतंकवाद’ के रूप में की जा रही है ।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में एक पुलिस अधिकारी, मरीन कोर भर्तीकर्ता और नौसेना का एक नाविक घायल हो गए। एफबीआई ने बंदूकधारी की पहचान मोहम्मद यूसुफ अब्दुलअजीज के रूप में की जो पुलिस के साथ हुई गोलीबारी में खुद भी मारा गया।

कल हुए इस हमले ने 2009 में फोर्ट हुड हिंसा और 2013 में वाशिंगटन के नेवी यार्ड हमले सहित अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान्नों में हुई अन्य भीषण गोलीबारियों की याद दिला दी। दोनों हमलों में क्रमश: 13 और 12 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस गोलीबारी को ‘‘हृदय विदारक’’ बताया और अमेरिका के लोगों से पीड़ितों के संबंधियों के लिए प्रार्थना करने को कहा।

चैटानूगा के महापौर एंडी बर्के ने इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तत्काल कार्रवाई किए जाने की सराहना करते हुए कहा, ‘जो हुआ और हमारे देश की गौरवपूर्ण सेवा करने वालों के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया वह समझ से बाहर है। आज की रात चैटानूगा शहर के लिए बुरे सपने की तरह है।’ टेनेसी के उस हिस्से के अमेरिकी संघीय वकील बिल किलियन ने कहा कि इस गोलीबारी मामले की जांच ‘घरेलू आतंकवाद’ के तौर पर की जा रही है ।

एफबीआई के विशेष एजेंट एड रेनहोल्ड ने कहा, ‘हम इसकी हर संभव दृष्टिकोण से जांच कर रहे हैं कि यह घरेलू , अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद है या फिर एक सामान्य आपराधिक कृत्य।’ अमेरिकी अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच ने बताया कि एफबीआई हमारे सैन्यकर्मियों पर हुए इस जघन्य हमले की जांच करेगी। अब्दुलअजीज चैटानूगा के उपनगर में रहने वाला एक मुस्लिम था।
सौजन्य: जी न्यूज़ 

राहुल का प्रधानमंत्री पर निशाना, "उनका 56 इंच का सीना 5.6 इंच का रह जाएगा"

जयपुर: राजस्थान के दो-दिवसीय दौरे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधा।

राजधानी जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से जुड़े विवादों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया, "उनका 56 इंच का सीना 5.6 इंच का रह जाएगा..." उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल की बात करते हुए कहा, "आप लोग देखते रहिए, हम लैंड बिल को पास नहीं होने देंगे..."

फिर उन्होंने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी से नज़दीकी के आरोपों से घिरीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधते हुए कहा, "राजस्थान में 'ललित मोदी सरकार' है" उन्होंने कहा, "आजकल राजस्थान सरकार का रिमोट कन्ट्रोल लंदन में है, वे वहां से बटन दबाते हैं, तो यहां वह (मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे) उछल जाती हैं... इसलिए यहां 'ललित मोदी सरकार' है"

आपकी मुख्यमंत्री दस्तखत किए और कहा, "मैं एक भगोड़े की मदद करना चाहती हूं, लेकिन मेरे देश के लोगों को इस बात का पता नहीं चलना चाहिए... उन्होंने देश का कानून तोड़ा है, और एक भगोड़े की फरार होने में मदद की है..."

उन्होंने किसानों की एकता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "मुझे 'लगान' फिल्म पसंद आई, क्योंकि उसमें गरीब किसान टैक्स वसूले जाने की बात पर एकजुट होकर लड़ते हैं... फिल्म में आखिर में किसान जीत जाते हैं, और असल ज़िन्दगी में भी..."

राजस्थान की गर्मी की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मैं कभी भी पगड़ी के महत्व को नहीं समझ पाया था, लेकिन यहां सिर्फ 10 किलोमीटर चलने के बाद ही मुझे पगड़ी की कीमत समझ आ गई..."
सौजन्य: NDTV


Wednesday, July 8, 2015

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने दी प्रियंका वाड्रा को राहत

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज राज्य सूचना आयोग के एक आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा द्वारा शिमला के पास छारबरा में खरीदी गई जमीन के बारे में विस्तत सूचना एक आरटीआई कार्यकर्ता को देने के लिए कहा गया था।

आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली प्रियंका की याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति त्रिलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति पीएस राना की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि हमारी सुविचारित राय है कि याचिकाकर्ता ने अंतरिम राहत पाने के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाया है।

पीठ ने कहा कि इसलिए दूसरे प्रतिवादी (राज्य सूचना आयोग) द्वारा 29 जून 2015 और इससे पहले अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 28 नवंबर 2014 को पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है। अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए सात अगस्त की तारीख तय की।

एक-दूजे के हुए शाहिद कपूर और मीरा राजपूत, देखें शादी का एल्‍बम





नई दिल्‍ली: शाहिद कपूर और मीरा राजपूत एक दूजे के हो चुके हैं। बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर की शादी उनसे 12 साल छोटी दिल्ली की 21 साल की मीरा राजपूत से हो गई है।

करीब 40 करीबियों के बीच इनकी शादी मंगलवार को हुई। शाहिद मीरा से 12 साल बड़े हैं पर एकसाथ उनकी तस्वीरें शायद ही उम्र के फ़ासले को बयां करती हैं।

इस साल बॉलीवुड की ये सबसे हाईप्रोफाइल शादी रही। सितारा जितना बड़ा था शादी उतनी ही सादी रही। दिल्ली के फ़ार्म हाउस में महज़ 40 महमानों के बीच मीरा और शाहिद ने सात फेरे लिए।

34 साल के शाहिद कपूर फ़िल्म जगत का बड़ा नाम हैं। वहीं 21 साल की मीरा दिल्ली के 'लेडी श्रीराम कॉलेज' से अभी ग्रैजुएट हुई हैं।

मिलन, 'राधा स्वामी व्यास' के सत्संग में हुआ। दोनों के परिवार इनके अनुयायी हैं इसलिए शादी की बात मिलते ही पक्की हो गई।

परिवार और मेहमानों के लिए गुड़गांव के ट्राइडेंट होटल में करीब 50 कमरे बुक कराए गए। वहीं शाहिद के लिए होटल में सुईट बुक हुआ जिसकी एक रात की क़ीमत 6 लाख है।

वैवाहिक कार्यक्रम को सादा और नामचीन हस्तियों से अछूता रखने की योजना रही पर मुंबई में 12 जुलाई को इनकी रिसेप्शन पार्टी रखी गई है जिसमें फ़िल्म से जुड़े लगभग हर एक को न्योता भेजा गया है।

दोनों के परिवारों ने सोमवार रात को भव्य संगीत समारोह का आयोजन किया था। जिसमें शाहिद मीरा के साथ थिरकते दिखे थे।

इसी साल की शुरूआत में 34 साल के शाहिद ने दिल्ली की 21 साल की मीरा राजपूत से सगाई की थी।

Tuesday, July 7, 2015

मास्टर्स चैंपियंस लीग से जुड़े डैनियल विटोरी, खेलने का ब्रेसब्री से कर रहे इंतजार

नई दिल्‍ली: न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान डैनियल विटोरी ने मास्टर्स चैंपियंस लीग यानी एमसीएल के साथ क़रार कर लिया है। लीग अगले साल यूनाइटेड अरब अमीरात में फ़रवरी के महीने में खेली जाएगी। न्यूज़ीलैंड के महान स्पिनरों में शामिल विटोरी ने इसी साल फ़रवरी-मार्च में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले लिया था।

एमसीएल के साथ क़रार के बाद विटोरी ने कहा, 'मैं एक बार फिर क्रिकेट के मैदान में अपने पुराने दोस्तों के साथ उतरने को तैयार हूं। अपने पुराने साथियों के साथ तकरार को दोबारा महसूस करना अपने आप में ख़ास होगा। मैं इस टूर्नामेंट के शुरू होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं।'

एमसीएल के साथ ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट, वेस्ट इंडीज़ के ब्रायन लारा, दक्षिण अफ़्रीका के जैक कैलिस और पाकिस्तान के वसीम अकरम पहले ही क़रार कर चुके हैं और अब इस लिस्ट में विटोरी का नाम भी शामिल हो गया है। 36 साल के विटोरी ने कीवी टीम के लिए 113 टेस्ट और 295 वनडे के साथ 24 T20 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 362 विकेट, वनडे में 305 विकेट और T20 में 38 विकेट लिए।

अपने 18 साल के लंबे क्रिकेट कैरियर में विटोरी ने 126 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 127 विकेट है। इस दौरान उनका इकॉनोमी 6.36 का रहा, जबकि औसत 25.64 का रहा।

आईपीएल में भी न्यूज़ीलैंड के इस क्रिकेटर का पुराना नाता रहा है। विटोरी टूर्नामेंट में डेल्ही डेयर डेविल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खिलाड़ी के तौर पर खेल चुके हैं।

फिलहाल, वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम से कोच के तौर पर जुड़े हुए हैं। हालांकि विटोरी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन वो कैरेबियन प्रीमियर लीग में जमैका टीम से खेल रहे हैं।

वीआईपी के सामने जानवरों की तरह परेड करनी पड़ती थी : डायरी में राजेश तलवार

अपनी 13-वर्षीय बेटी आरुषि की हत्या के मामले में पत्नी समेत दोषी करार दिए गए राजेश तलवार का कहना है कि उत्तर प्रदेश की जिस जेल में वह 2013 से बंद हैं, वहां वीआईपी लोगों के सामने उनकी परेड कराई जाती है।

राजेश तलवार ने जेल में ही अपनी डायरी में लिखा, "कानून मंत्री से मिलना हुआ, क्योंकि डिप्टी जेलर ने मुझे वहां बुलाया था... ऐसा लगता है, चिड़ियाघर का कोई जानवर हूं, जिसे देखने सब आते रहते हैं... परमिन्दर अवाना (आईपीएल की टीम किंग्स 11 पंजाब का क्रिकेटर) और कुछ और लोग भी आए थे... उन्हें मुझे से मिलवाया गया, पता नहीं क्यों...? समझ नहीं आ रहा था, क्या प्रतिक्रिया दूं...?"

नवंबर, 2013 में सज़ा सुनाए जाने के बाद दो महीने, यानी जनवरी, 2014 तक, डॉक्टर तलवार ने यह डायरी लिखी थी, और इसे पत्रकार अविरूक सेन की नई किताब 'आरुषि' में शामिल किया गया है। यह किताब उस मामले की पड़ताल कर रही है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, और जिसमें तलवार दंपति की भूमिका को लेकर देशभर में दो गुट बन गए।

मामले की जांच करने वाली सीबीआई ने दिसंबर, 2010 में कोर्ट में कहा था कि उन्हें तलवार दंपति के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन सुनवाई कर रहे जज ने मामला खारिज करने की अनुमति नहीं दी, और बाद में 2013 में उन्हें दोषी करार दिया गया। हालांकि उन्होंने तुरंत ही अपील दायर कर दी थी, लेकिन दो साल बाद आज भी उस पर सुनवाई होनी बाकी है।

अपने 14वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले आरुषि की गला कटी लाश उसके बिस्तर पर पड़ी मिली थी, और कुछ ही घंटे बाद तलवार परिवार के अपार्टमेंट की बिल्डिंग की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज की लाश भी पाई गई, जिसे तब तक मुख्य अभियुक्त समझा जा रहा था।

जांचकर्ताओं का कहना था कि तलवार के घर में बाहर से कोई नहीं आया था और यह काम घर के ही किसी सदस्य का है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास कोई सबूत नहीं है कि यह काम किसने और क्यों किया। नई किताब इस बात की ओर इशारा करती है कि क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर देने के बावजूद सीबीआई ने सुनवाई के दौरान निष्कर्ष निकाला कि हेमराज और आरुषि को यौन संबंध बनाते देखकर राजेश-नूपुर ने ही हत्याएं कीं।

अपनी इस डायरी में राजेश तलवार लिखते हैं, "काश, मैं (उस रात) जाग जाता... मैं अपनी प्यारी आरू को भी नहीं बचा पाया..."

जेल में लिखी अपनी डायरी में डॉक्टर तलवार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा का ज़िक्र भी किया है, जो उसी जेल में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सज़ा काट रहे हैं। तलवार ने लिखा, "वह बहुत अच्छे आदमी हैं और शायद उन्हीं की वजह से हम सब एक ही बैरक में हैं... हममें से ज़्यादातर को यही चिंता है कि अगर वह बेल पर छूट गए तो हमारा क्या होगा...?"

अपनी डायरी में राजेश तलवार ने कई बार आगरा जेल में भेजे जाने को लेकर (इसका प्रस्ताव था) चिंता जताई है, जहां उन्हें डर था कि अधिकारी, जो उनके और उनकी पत्नी के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं, उन पर अपना गुस्सा निकालेंगे। उन्होंने लिखा, जेल का बदला जाना 'हमें खत्म कर देगा...'
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दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले तुर्की के विमान को उड़ने की इजाजत, 10 खास बातें

नई दिल्ली: प्लेन के टॉयलेट में शीशे पर लिपस्टिक से लिखे इन शब्दों को देखकर सबकी सांसे अटक गई। बैंकाक से इस्तांबुल जा रहे प्लेन में 148 लोग सवार थे और विमान तब नागपुर के ऊपर से गुजर रहा था। पायलट ने फौरन इसकी सूचना नागपुर एटीसी कंट्रोल को दी और फिर एटीसी की सलाह पर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई।

यात्रियों और क्रू मेंबर को सुरक्षित निकालकर विमान को आइसोलेशन एरिया में खड़ा कर जांच शुरू हो गई। एयरपोर्ट पर तैनात एनएसजी के खास दस्ते ने पहले विमान के अंदर और फिर कार्गो एरिया में रखे पूरे सामान की जांच की। जांच करीब 4:30 घंटे चली पर कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला। यात्रियों और चालक दल से भी लंबी पूछताछ हुई पर ये साफ नहीं हो सका कि हड़कंप की वजह बने ये शब्द किसने लिखे और क्यों लिखे।

10 खास बातें...
1. बम की अफवाह के बाद दिल्‍ली में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले तुर्की के विमान को मिली उड़ने की इजाजत। विमान में कुछ भी संदिग्‍ध नहीं मिला।

2. टर्किश एयरलाइन्स के एक विमान में 'बम की ख़बर' मिलने के बाद उसे दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। कार्गो की जांच के लिए एनएसजी कमांडो भी पहुंचे और उन्‍होंने यात्रियों से पूछताछ भी की।

3. मिली जानकारी के अनुसार, पायलट ने एयर ट्रैफिक कन्ट्रोलरों को बताया कि टर्किश एयरलाइन का विमान Airbus 333 के एक बाथरूम में आइने पर लाल रंग की लिपस्टिक से विमान के कार्गो में बम होने की बात लिखी मिली थी।

4. उतरने के तुरंत बाद विमान को एक खाली इलाके में ले जाया गया और लगभग 150 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।

5. सूत्रों के मुताबिक, अब तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। दमकल की गाड़ियां, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड तथा डॉग स्क्वाड मौके पर मौजूद हैं, और ख़बर लिखे जाने के वक्त सुरक्षाधिकारियों की बैठक जारी है।

6. एनएसजी कमांडो और पुलिस ने विमान के एक-एक सामान की जांच के बाद विमान को सुरक्षित घोषित किया गया।

7. नागर विमानन राज्‍यमंत्री महेश शर्मा ने बताया कि विमान के केबिन में किसी तरह का विस्‍फोटक नहीं मिला है।

8. सूत्रों के अनुसार रॉ की आतंकवाद रोधी शाखा के अधिकारियों और पुलिस ने भी सभी यात्रियों से पूछताछ की।

9. एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मामले की पूरी जानकारी दे दी है।

10. मामले से निपटने के लिए एयरपोर्ट, नागरिक विमानन और नागरिक विमानन सुरक्षा ब्‍यूरो की आपात बैठक भी हुई।

सौजन्य: NDTV