कोलकाता: भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि सीखने का समय अब पूरा हो चुका है और उनकी टीम का ध्यान अब सिर्फ नतीजा देने पर है।
बांग्लादेश दौरे पर दस जून से होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए रवाना होने से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोहली ने कहा कि उनका ध्यान नतीजा देने पर केंद्रित है। वहीं टीम से जुड़ी उम्मीदों के बारे में कोहली से पूछा गया तो उन्होंने कहा 'हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा है और मुझे नहीं लगता कि हम सीखने की मानसिकता से खेलेंगे। हम लोग हर समय खेल के बारे में सीखते हैं, टीवी पर मैच देखते समय भी हम ऐसा करते हैं, लेकिन अब हम लंबे समय तक खेल चुके हैं और यह जानते हैं कि एक टीम के रूप में हमें कैसे लक्ष्य को हासिल करना है। अब वास्तव में हम परिणाम प्राप्त करने के लिए खेलेंगे बजाय इसके कि मैच के बाद हम यह सोचें कि हमने इससे क्या सीख हासिल की।'
कोहली ने भरोसा दिलाया कि बांग्लादेश दौरे के लिए टीम अच्छी तरह तैयार है, जिसमें टीम को तीन वनडे मैच भी खेलने हैं। कोहली ने कहा कि टीम के बेहतर दिखने के लिए खिलाड़ियों की फिटनेस जरूरी है।
कोहली ने कहा 'टीम अच्छी दिख रही है। हमने कल एक फिटनेस टेस्ट का आयोजन किया, क्योंकि हम लोगों को लगता है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।' उन्होंने कहा 'नई शुरुआत को लेकर हर कोई उत्साहित है। मैं टीम के नेतृत्व को लेकर सचमुच रोमांचित हूं।'
इस संक्षिप्त दौरे पर उनकी उम्मीदों से जुड़े एक सवाल पर कोहली ने कहा कि वह टेस्ट प्रारूप को लेकर रणनीति बना रहे हैं। टेस्ट कप्तान ने कहा 'मैंने पहले भी टीमों की कप्तानी की है। एक स्तर तक आप अपनी जिम्मेदारियों के दौरान सीखते हैं। टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट की तुलना में ज्यादा कठिन है क्योंकि आपको पूरे दिन की रणनीति एक बार में बनानी पड़ती है।'
महेंद्र सिंह धोनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद कप्तान बनाए गए कोहली ने कहा 'मैंने ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी के दौरान बहुत कुछ सीखा। टीम की क्षमता बहुत अच्छी है और मैं निरंतरता बरकार रखना चाहता हूं। यह निर्भर करता है कि आप गलतियों से कैसे सीखते हैं।'
लंबे समय के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने कहा कि वह ड्रेसिंग रूम में जोश भरना चाहते हैं। उन्होंने कहा 'निश्चित तौर पर हम ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां खिलाड़ी अपनी क्षमता को लेकर विश्वस्त हों। हमारे पास लक्ष्य और उसे हासिल करने को लेकर योजनाएं हैं। मेरे ख्याल से इस तरह का माहौल होना चाहिए, जहां खिलाड़ी हर दिन टीम के लिए अपने में सुधार लाना चाहे।'
बांग्लादेश दौरे पर दस जून से होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए रवाना होने से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोहली ने कहा कि उनका ध्यान नतीजा देने पर केंद्रित है। वहीं टीम से जुड़ी उम्मीदों के बारे में कोहली से पूछा गया तो उन्होंने कहा 'हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा है और मुझे नहीं लगता कि हम सीखने की मानसिकता से खेलेंगे। हम लोग हर समय खेल के बारे में सीखते हैं, टीवी पर मैच देखते समय भी हम ऐसा करते हैं, लेकिन अब हम लंबे समय तक खेल चुके हैं और यह जानते हैं कि एक टीम के रूप में हमें कैसे लक्ष्य को हासिल करना है। अब वास्तव में हम परिणाम प्राप्त करने के लिए खेलेंगे बजाय इसके कि मैच के बाद हम यह सोचें कि हमने इससे क्या सीख हासिल की।'
कोहली ने भरोसा दिलाया कि बांग्लादेश दौरे के लिए टीम अच्छी तरह तैयार है, जिसमें टीम को तीन वनडे मैच भी खेलने हैं। कोहली ने कहा कि टीम के बेहतर दिखने के लिए खिलाड़ियों की फिटनेस जरूरी है।
कोहली ने कहा 'टीम अच्छी दिख रही है। हमने कल एक फिटनेस टेस्ट का आयोजन किया, क्योंकि हम लोगों को लगता है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।' उन्होंने कहा 'नई शुरुआत को लेकर हर कोई उत्साहित है। मैं टीम के नेतृत्व को लेकर सचमुच रोमांचित हूं।'
इस संक्षिप्त दौरे पर उनकी उम्मीदों से जुड़े एक सवाल पर कोहली ने कहा कि वह टेस्ट प्रारूप को लेकर रणनीति बना रहे हैं। टेस्ट कप्तान ने कहा 'मैंने पहले भी टीमों की कप्तानी की है। एक स्तर तक आप अपनी जिम्मेदारियों के दौरान सीखते हैं। टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट की तुलना में ज्यादा कठिन है क्योंकि आपको पूरे दिन की रणनीति एक बार में बनानी पड़ती है।'
महेंद्र सिंह धोनी के अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद कप्तान बनाए गए कोहली ने कहा 'मैंने ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी के दौरान बहुत कुछ सीखा। टीम की क्षमता बहुत अच्छी है और मैं निरंतरता बरकार रखना चाहता हूं। यह निर्भर करता है कि आप गलतियों से कैसे सीखते हैं।'
लंबे समय के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने कहा कि वह ड्रेसिंग रूम में जोश भरना चाहते हैं। उन्होंने कहा 'निश्चित तौर पर हम ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां खिलाड़ी अपनी क्षमता को लेकर विश्वस्त हों। हमारे पास लक्ष्य और उसे हासिल करने को लेकर योजनाएं हैं। मेरे ख्याल से इस तरह का माहौल होना चाहिए, जहां खिलाड़ी हर दिन टीम के लिए अपने में सुधार लाना चाहे।'