कोलकाता :
कांग्रेस ने केंद्र और पश्चिम बंगाल के सत्तारुढ दलों पर हमला करते हुए कहा कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एक ही सिक्के के दो
पहलू हैं क्योंकि दोनों ही तानाशाह हैं तथा दोनों के बीच गुपचुप समझौता है.
विपक्षी दल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण
जेटली पर भी निशाना साधा जो राजग सरकार
की उपलब्धियों का बखान करने के उसके अभियान में अग्रणी हैं. कांग्रेस ने कहा कि
केंद्रीय वित्त मंत्री भारतीय राजनीति में सबसे प्रभावी स्पिनर हैं.
कांग्रेस नेता
जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा,' मोदी और ममता एक दूसरे के
सबसे अधिक भरोसेमंद मित्र हैं और दोनों में एक ही तरह की विशेषताएं हैं.' उन्होंने केंद्र में भाजपा सरकार के एक साल पर रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते
हुए कहा, ' मोदी और ममता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, दोनों ही तानाशाह हैं.'
रमेश ने कहा, ' जब मोदी सत्ता में आए थे तब उन्होंने अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार की बात कही
थी लेकिन एक साल बाद हम पाते हैं कि यह अधिकतम अहंकार और एक व्यक्ति की सरकार है.' उन्होंने दावा किया, ' बंगाल की भी इसी का प्रतिबिंब दिखता है, यही वजह है कि वे (मोदी और ममता) दोनों साथ हैं.'
मोदी और बनर्जी
ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले एक दूसरे पर तीखे
प्रहार किए थे और हालतक वे एक दूसरे से नजर से नजर नहीं मिलाते थे. लेकिन दोनों ने
प्रधानमंत्री की हाल की पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान मंच साझा किया और मोदी ने
यात्रा के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी प्रशंसा की। उन्होंने राजभवन में
एक बैठक भी की.
जेटली पर तीखा
प्रहार करते हुए रमेश ने कहा, 'वह भारतीय राजनीति में सबसे प्रभावी स्पिनर
हैं. भारतीय क्रिके्रट ने जितने श्रेष्ठ स्पिनर दिए हैं, जेटली उन सभी की संयुक्त ताकत से भी बडे हैं.' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने
कहा, ' जब जेटली कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में कोई
समझौता नहीं है तो मुझे पूरा विश्वास है कि उसका उलटा सच है.'
उन्होंने आरोप
लगाया कि सारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच कर रही थी लेकिन पिछले दो तीन महीनों
में इस जांच में कुछ नहीं हुआ. सरकार में मोदी के एक साल पूरा करने पर पांच अध्याय
का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा,' मोदी का तात्पर्य लोकतांत्रिक भारत की हत्या है. प्रधानमंत्री ने संसद को पूरी
तरह अवहेलना की है.' उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने नागरिक
समाज और गैर सरकारी संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई की और उसने सालभर के अंदर एक भी
सर्वदलीय बैठक नहीं बुलायी.
उन्होंने कहा, ' उन्होंने (मोदी ने) आरटीआई के लिए कोई मुख्य सूचना आयुक्त नहीं किया और इस तरह
व्यवस्थित सूचना का अधिकार कानून का गला घोंट रही है. पिछले सात महीने से कोई
मुख्य सतर्कता अधिकारी नहीं है.'
सौजन्यः प्रभात खबर