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Saturday, May 30, 2015

भारत में पड़ सकता है सूखा


नई दिल्ली। एक्यूवेदर नामक एजेंसी का आंकलन है कि प्रशांत महासागर में बन रही परिस्थितियों के चलते इस बार मानसून कमजोर रहेगा।  भीषण गर्मी के बीच एक  एजेंसी ने भारत में भीषण सूखा पड़ने की आशंका जताई है।
 इसका असर न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान पर भी पड़ेगा।
भारत में मौसम विभाग ने मानसून के वक्त पर आने और सामान्य रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन अलनिनो की भी आशंका जताई गई है। अब अमेरिकी एजेंसी की इस भविष्यवाणी से भारत में चिंता बढ़ गई है।
एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक, अलनिनो पर भारतीय मौसम विभाग की आशंका बिल्कुल सही है, लेकिन उन्होंने हालात को कमजोर करके लोगों के सामने रखा है, ताकि किसी तरह ही हड़बड़ाहट पैदा नहीं हो।
ऐक्यूवेदर के मुताबिक अकाल की यह स्थिति एल नीनो प्रभाव की वजह से पैदा होगी। समुद्रतल का तापमान बढ़ता-घटता रहता है। तापमान के बढ़ने की स्थिति एल नीनो कहलाती है। इसकी वजह से औसत से ज्यादा चक्रवातीय तूफान आते हैं।

वैसे, एल नीनो के बारे में इसी तरह की बात भारतीय मौसम विभाग भी कह चुका है। लेकिन, भारतीय अधिकारियों ने पूर्वानुमान देते हुए संयमित रवैया अपनाया था ताकि किसी तरह की घबराहट की स्थिति पैदा न हो।

 उन्होंने कहा,हमने जरूरी सूचनाएं संबंधित मंत्रालयों के साथ साझा कर दी हैं। सरकार जरूरी उपायों पर काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि जब पिछले साल 12 फीसदी कम बारिश हुई थी तो हालात को संभाल लिया गया था, तब इस साल भी ऐसा किया जा सकता है।

भारत में पड़ सकता है सूखा

नई दिल्ली। एक्यूवेदर नामक एजेंसी का आंकलन है कि प्रशांत महासागर में बन रही परिस्थितियों के चलते इस बार मानसून कमजोर रहेगा।  भीषण गर्मी के बीच एक  एजेंसी ने भारत में भीषण सूखा पड़ने की आशंका जताई है।

इसका असर न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान पर भी पड़ेगा।
भारत में मौसम विभाग ने मानसून के वक्त पर आने और सामान्य रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन अलनिनो की भी आशंका जताई गई है। अब अमेरिकी एजेंसी की इस भविष्यवाणी से भारत में चिंता बढ़ गई है।

एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक, अलनिनो पर भारतीय मौसम विभाग की आशंका बिल्कुल सही है, लेकिन उन्होंने हालात को कमजोर करके लोगों के सामने रखा है, ताकि किसी तरह ही हड़बड़ाहट पैदा नहीं हो।

ऐक्यूवेदर के मुताबिक अकाल की यह स्थिति एल नीनो प्रभाव की वजह से पैदा होगी। समुद्रतल का तापमान बढ़ता-घटता रहता है। तापमान के बढ़ने की स्थिति एल नीनो कहलाती है। इसकी वजह से औसत से ज्यादा चक्रवातीय तूफान आते हैं।

वैसे, एल नीनो के बारे में इसी तरह की बात भारतीय मौसम विभाग भी कह चुका है। लेकिन, भारतीय अधिकारियों ने पूर्वानुमान देते हुए संयमित रवैया अपनाया था ताकि किसी तरह की घबराहट की स्थिति पैदा न हो।

 उन्होंने कहा,हमने जरूरी सूचनाएं संबंधित मंत्रालयों के साथ साझा कर दी हैं। सरकार जरूरी उपायों पर काम कर रही है।' उन्होंने कहा कि जब पिछले साल 12 फीसदी कम बारिश हुई थी तो हालात को संभाल लिया गया था, तब इस साल भी ऐसा किया जा सकता है।