जम्मू।
संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। इसी माह की 21 तारीख को संसद का सत्र शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीकार किया कि संसद के मानसून सत्र में ‘मुकाबला’ होगा। कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता गिरधारी लाल डोगरा की जन्मशती समारोह को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही कि जहां उनके साथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने मंच साझा किया।
परिवारवाद एवं छुआछूत की राजनीतिक विचारधारा का पुरजोर विरोध करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि परस्पर विरोध लोकतंत्र की खूबसूरती है। कांग्रेस नेताओं की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि आज हम लोग मस्ती में यहां बैठे हैं, लेकिन देखिएगा कि कुछ दिनों बाद कैसा मुकबला होता है।
यह लोकतंत्र का दर्पण है और यहां राजनीतिक छुआछूत नहीं होता है।’ संसद में विपक्ष द्वारा घेरे जाने की खबरों के बीच सत्तारूढ़ राजग के वरिष्ठ मंत्रियों की कल दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें अगले सप्ताह से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार के विधायी कामकाज को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई। विपक्षी दल व्यापमं घोटाला, ललित मोदी विवाद, सामाजिक आर्थिक और जाति गणना जैसे विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सदन में घेरने की घोषणा कर चुके हैं।
सौजन्य : SAMACHAR JAGAT NEWS
संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। इसी माह की 21 तारीख को संसद का सत्र शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीकार किया कि संसद के मानसून सत्र में ‘मुकाबला’ होगा। कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता गिरधारी लाल डोगरा की जन्मशती समारोह को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने यह बात कही कि जहां उनके साथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने मंच साझा किया।
परिवारवाद एवं छुआछूत की राजनीतिक विचारधारा का पुरजोर विरोध करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि परस्पर विरोध लोकतंत्र की खूबसूरती है। कांग्रेस नेताओं की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि आज हम लोग मस्ती में यहां बैठे हैं, लेकिन देखिएगा कि कुछ दिनों बाद कैसा मुकबला होता है।
यह लोकतंत्र का दर्पण है और यहां राजनीतिक छुआछूत नहीं होता है।’ संसद में विपक्ष द्वारा घेरे जाने की खबरों के बीच सत्तारूढ़ राजग के वरिष्ठ मंत्रियों की कल दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें अगले सप्ताह से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार के विधायी कामकाज को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई। विपक्षी दल व्यापमं घोटाला, ललित मोदी विवाद, सामाजिक आर्थिक और जाति गणना जैसे विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सदन में घेरने की घोषणा कर चुके हैं।
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