नई दिल्ली: भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में बिहार के पांच पुलिस
अफसरों की तैनाती को राजनीतिक गलियारे में सियासी समीकरण के रूप में देखा जा रहा
है। भाजपा का कहना है कि राजनीतिक मकसद से
एसीबी में बाहर के अधिकारियों को लाया जा रहा है। ऐसा कर दिल्ली पुलिस को बदनाम
करने की कोशिश हो रही है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। अभी तक उसकी कोई
प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि ऐसा कर अरविंद केजरीवाल यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस और सरकार के अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह से भ्रष्ट है और भ्रष्टाचार के विरूद्ध लडऩे में उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का भी कहना है कि दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे राजनीतिक बू आती है। भाजपा का कहना है यह सोची समझी चाल का हिस्सा है। पार्टी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले भी कई बार सचिवालय जाकर अरविंद केजरीवाल से मिलते रहे हैं। नीतीश पहले भी केजरीवाल के विवादित फैसलों का मर्थन करते रहे हैं।भाजपा का कहना है कि वह इसके पीछे की राजनीति समझ रहे हैं। अब इसी राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार एसीबी में बिहार के पुलिस अधिकारियों को तैनाती कर रही है।
दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि ऐसा कर अरविंद केजरीवाल यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली पुलिस और सरकार के अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह से भ्रष्ट है और भ्रष्टाचार के विरूद्ध लडऩे में उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का भी कहना है कि दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे राजनीतिक बू आती है। भाजपा का कहना है यह सोची समझी चाल का हिस्सा है। पार्टी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले भी कई बार सचिवालय जाकर अरविंद केजरीवाल से मिलते रहे हैं। नीतीश पहले भी केजरीवाल के विवादित फैसलों का मर्थन करते रहे हैं।भाजपा का कहना है कि वह इसके पीछे की राजनीति समझ रहे हैं। अब इसी राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार एसीबी में बिहार के पुलिस अधिकारियों को तैनाती कर रही है।