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Thursday, May 28, 2015

आम आदमी पार्टी ने हाइकोर्ट में केंद्र की अधिसूचना को दी चुनौती, सुनवाई कल

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने नौकरशाहों की नियुक्ति के संबंध में उपराज्यपाल को पूर्ण शक्तियां देने वाली केंद्र की अधिसूचना को आज दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी. आप ने उपराज्यपाल द्वारा कार्यवाहक मुख्य सचिव के रुप में शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को भी उच्च न्यायालय में चुनौती दी. इस मामले में अब हाइकोर्ट में कल सुनवायी होगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस अधिसूचना को इस याचिका में संवैधानिक मान्यता को चुनौती दी गयी है. उल्लेखनीय है कि
इस अधिसूचना की कडी भर्त्सना करते हुए दिल्ली विधानसभा ने इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. मंगलवार व बुधवार को इसी मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र हुआ था.

दिल्ली विधानसभा द्वारा अधिसूचना के खिलाफ पारित प्रस्ताव की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, उप राज्यपाल व सांसदों को भी भेजे जाने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को विधानसभा में आम आदमी पार्टी के एक विधायक महेंद्र गोयल ने केंद्र की इस अधिसूचना की कॉपी फाड कर अपना विरोध जताया था. इससे पहले मंगलवार को इस मुद्दे पर विधायक सोमनाथ भारती ने प्रस्ताव लाया था. इसमें प्रस्ताव को अवैध व अमान्य बताया गया था.

उधर, इस मुद्दे पर बुधवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तल्ख टिप्पणी की. केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल नजीब जंग जितना मेरे मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं, इतना हस्तक्षेप तो स्कूल के दिनों में मेरे हेडमास्टर भी नहीं किया करते थे. उन्होंने कहा कि  केंद्र सरकार चाहती है कि वह मुख्यसचिव से लेकर चपरासी तक ट्रांसफर उपराज्यपाल के माध्यम से खुद करे.  उपराज्यपाल का ट्रांसफर नहीं होने पर भी उन्होंने आश्चर्य जताया और कहा सभी राज्यों के राज्यपाल बदले गये पर दिल्ली के नहीं, आखिर क्यों.

वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र की अधिसूचना सही नहीं है. लेकिन केंद्र कहा रहा है कि हमें संविधान की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम पहले से जानते थे कि कानून व्यवस्था, जमीन व पुलिस हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आते हैं, लेकिन बाकी सारे विषयों का अधिकार विधानसभा के पास है. सिसोदिया ने केंद्र की अधिसूचना को तालिबानी अधिसूचना की संज्ञा दी. सौजन्यः प्रभात खबर