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Monday, July 20, 2015

भारत और हिंदू विरोध के लिए हो रहा है IITs का इस्तेमाल: RSS

1:09:00 PM Posted by Unknown ,
नई दिल्ली
एफटीआईआई के अध्यक्ष के तौर पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध करने वाले छात्रों को 'हिंदू विरोधी' कहने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में एक और विवादास्पद लेख छपा है। संघ ने कहा है कि आईआईटी जैसे नामी संस्थानों पर 'भारत विरोधी और हिंदू विरोधी' गतिविधियों का अड्डा बना दिया गया था ।
संघ के मुखपत्र में छपे लेख में संघ ने कहा है, 'प्रीमियम शैक्षणिक संस्थानों पर अब भी वाम और कांग्रेस का कब्जाहै और दोनों ही दल गवर्नरों और निदेशकों के माध्यम से 'वैचारिक नियंत्रण' करने में 'माहिर' हैं।'लेख में कहा है कि कुछ आईआईएम द्वारा सरकार के फैसले के विरोध के पीछे राजनीतिक उद्देश्य थे।

इस लेख में विभिन्न विषयों पर मंत्रालयों का विरोध करने के लिए जानेमाने वैज्ञानिक और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोदकर, आईआईएम अहमदाबाद के अध्यक्ष ए एम नाइक की भी आलोचना की है।

इस लेख में दावा किया गया कि यूपीए के शासनकाल में ही 'पवित्र नगरी हरिद्वार' स्थित आईआईटी रुड़की में यूपीए सरकार के दौरान मांसाहारी भोजन परोसा गया। इसके साथ ही एनआईटी राउलकेला में छात्रों को कम्युनिटी हॉल में पूजा करने से रोका गया। लेख में आगे कहा गया, 'ये घटनाएं दिखाती हैं कि सरकार द्वारा करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित ये संस्थान, भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों के केंद्र बनते जा रहे हैं।'

इस लेख में कहा गया कि नैतिकता के अभाव वाले ये संस्थान छात्रों को भ्रमित कर रहे हैं। ये गतिविधियां या तो निदेशक मंडल की नजरों में आई नहीं या फिर उन्होंने इसे दरकिनार कर दिया। निदेशक मंडल को भी भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों पर नजर खनी चाहिए।

कई आईआईएम ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा पेश किए गए ड्राफ्ट बिल का इस आधार पर विरोध कर रहे है कि इससे सरकार को इन संस्थानों को चलाने की असीमित ताकत मिल जाएगी।

लेख के मुताबिक इस प्रस्तावित बिल के बाद राजनीतिक दलों के लिए निदेशकों और अध्यक्षों की नियुक्ति करना मुश्किल हो जाएगा और इसी वजह से कई लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं। लेख में कहा गया है कि प्रस्तावित बिल के अनुसार निदेशक और अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए विजिटर- यानी राष्ट्रपति की सहमति अनिवार्य होगी न कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की ।

 सौजन्य: INDIA TIMES NEWS