नई दिल्ली। ऐंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) को लेकर चल रही रार
में अब एक नया मोड़ आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि एसीबी में
दूसरे राज्यों के अधिकारियों की नियुक्ति को तब तक वैध नहीं माना जा सकता है जब तक
कि इसको उपराज्यपाल की मंजूरी न मिल जाए। गृह मंत्रालय के मुताबिक एसीबी में अन्य
राज्यों से आए अधिकारियों का वेतन रोका जा सकता है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के
अनुसार अगर एलजी ने स्वीकृति नहीं दी है, तो अधिकारियों के नियुक्ति 'अवैध' हैं। अगर सर्विस नियमों को नहीं पालन नहीं किया
गया है तो केंद्र सरकार अधिकारियों का वेतन रोक सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली के
अधिकारियों को सैलरी देने का अधिकार केंद्र के गृहमंत्रालय के पास है। गृह
मंत्रालय पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि दिल्ली एसीबी में उसकी सहमति के बिना कोई
भी नियुक्ति नहीं होगी।
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