उन्नाव: बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि बीजेपी शासन के दौरान ही राम मंदिर बनेगा । उन्होंने रविवार को कहा कि बीजेपी शासन के अभी चार साल और बचे हैं। साक्षी महाराज के इस बयान की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है।
साक्षी महाराज ने कहा, 'अगर राम मंदिर बीजेपी शासन में नहीं बनेगा तो क्या यह कांग्रेस की सरकार में बनेगा? क्या यह मुलायम या मायावती बनाएंगे? उन्होंने यह तय है कि राम मंदिर बीजेपी शासन में बनेगा। अगर यह आज नहीं बना तो यह कल बनेगा या परसों। हमने सत्ता में केवल एक साल पूरा किया है, चार और साल अभी बाकी हैं।'
साक्षी महाराज ने कहा कि वह राम मंदिर आंदोलन से निकले हैं और वह उनके अजेंडे का समर्थन करने वाली पार्टियों का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने हमारे मंदिर के अजेंडे का समर्थन किया है। हमने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया। बीजेपी को चार राज्यों में अपनी सरकार गंवानी पडी थी। अगर बीजेपी मंदिर मुद्दे पर अपनी चार सरकारों का बलिदान कर सकती है तो हमें उनकी मंशा पर शक नहीं है।'
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते कांग्रेस नेता पीसी चाको ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट करें कि वह बीजेपी सांसद के नजरिये का समर्थन करते हैं या नहीं। चाको ने कहा, 'हम यह जानना चाहते हैं कि सरकार का अजेंडा क्या है, सरकार विकास को लेकर गंभीर है या उनकी रुचि सिर्फ आरएसएस के सांप्रदायिक अजेंडे में है। प्रधानमंत्री को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।'
चाको ने कहा, 'साक्षी महाराज और उनकी तरह के अन्य लोग आरएसएस के सांप्रदायिक अजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। लोग यह जानना चाहते हैं कि सरकार उसका समर्थन करती है या नहीं।' वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा कि राम मंदिर बीजेपी के लिए केवल 'राजनीतिक मुद्दा' है जिसे वह केवल चुनावी लाभ के लिए उठाते हैं।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा, 'जो आरएसएस कहता है, साक्षी महाराज भी वही कहते हैं। वे सांप्रदायिक लोग हैं। वे समाज का सांप्रदायीकरण कर रहे हैं।' विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राम मंदिर उनकी पार्टी के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि 'आस्था का विषय'है।
साक्षी महाराज का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व हिंदू परिषद के सुरेंद्र जैन ने कहा है कि मोदी सरकार केवल विकास करने नहीं बल्कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने सहित मुख्य भगवा अजेंडे को पूरा करने के लिए भी आई है। सुरेंद्र जैन वीएचपी के प्रवक्ता और राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्होंने कहा, 'बीजेपी को पिछले चुनावों में जनादेश मिला वह केवल विकास के लिए नहीं था। लोगों को उम्मीद है कि वे मुख्य मुद्दों पर भी गौर करेंगे। अगर मोदी सरकार मुख्य मुद्दों पर काम नहीं करती है तो वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की तरह 'परिणाम भुगतने के लिए' तैयार रहे।
जैन ने कहा था, 'लोग राम मंदिर बनने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा होते देखना चाहते हैं। वाजपेयी सरकार इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने में नाकाम रही और उसे सत्ता से बाहर कर दिया गया। बीजेपी यह गलती नहीं दोहराना चाहेगी। मंदिर निर्माण के लिए आगे का रास्ता निकालने को लेकर बातचीत के लिए संतों की समिति बनाने वाले वीएचपी को भरोसा है कि मोदी इस मुद्दे को सुलझाएंगे। कोई आक्रमणकारी बाबर के समर्थन में कैसे खड़ा हो सकता है? कोई राष्ट्रवादी किसी आक्रमणकारी का अनुयाई नहीं हो सकता। समाज के उस धड़े को भी यह समझना पड़ेगा।'