न्यूयॉर्क: अगर आप देर रात जागते हैं तो इस दौरान खाने से दूरी आपकी नींद की कमी से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है।
रात के समय कम खाने से आपकी एकाग्रता और सर्तकता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लेखक डेविड डिंगेज के अनुसार, "रात के समय जागने वाले वयस्क लगभग 500 कैलोरी की खपत करते हैं।"
डिंगेज के अनुसार, "हमारे शोध से पता चला है कि देर रात जगने के बावजूद खाने से बचने वाले लोग कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं जिसमें तनाव प्रमुख है।"
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान 44 प्रतिभागियों को लिया जिनकी उम्र 21 से 50 साल के बीच की थी। उन्हें दिन में बहुत सारा खाना और पानी आदि दिया गया। साथ ही इस दौरान उन्हें तीन रातों में केवल चार घंटे ही सोने दिया गया।
चौथी रात को 20 प्रतिभागियों को खाना और पानी देना जारी रखा गया जबकि बाकी लोगों को रात 10 बजे के बाद केवल पानी पीने की अनुमति दी गई। साथ ही इन सभी सुबह चार बजे सोने की अनुमति दी गई।
शोध के अनुसार देर रात उपवास रखने वाले प्रतिभागी ज्यादा स्वस्थ्य और तरोताजा नजर आए। वहीं, देर रात खाते रहने वाले सुस्त रहे और उनकी एकाग्रता पर भी नाकारात्मक असर पड़ा।
इस शोध के नतीजे अमेरिका में 6-10 जून तक आयोजित की जाने वाली एसोसिएटेड प्रोफेशनल स्लीप सोसाइटी की 29वीं वार्षिक बैठक के स्लीप-2015 में प्रस्तुत किया जाना है।
रात के समय कम खाने से आपकी एकाग्रता और सर्तकता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लेखक डेविड डिंगेज के अनुसार, "रात के समय जागने वाले वयस्क लगभग 500 कैलोरी की खपत करते हैं।"
डिंगेज के अनुसार, "हमारे शोध से पता चला है कि देर रात जगने के बावजूद खाने से बचने वाले लोग कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं जिसमें तनाव प्रमुख है।"
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान 44 प्रतिभागियों को लिया जिनकी उम्र 21 से 50 साल के बीच की थी। उन्हें दिन में बहुत सारा खाना और पानी आदि दिया गया। साथ ही इस दौरान उन्हें तीन रातों में केवल चार घंटे ही सोने दिया गया।
चौथी रात को 20 प्रतिभागियों को खाना और पानी देना जारी रखा गया जबकि बाकी लोगों को रात 10 बजे के बाद केवल पानी पीने की अनुमति दी गई। साथ ही इन सभी सुबह चार बजे सोने की अनुमति दी गई।
शोध के अनुसार देर रात उपवास रखने वाले प्रतिभागी ज्यादा स्वस्थ्य और तरोताजा नजर आए। वहीं, देर रात खाते रहने वाले सुस्त रहे और उनकी एकाग्रता पर भी नाकारात्मक असर पड़ा।
इस शोध के नतीजे अमेरिका में 6-10 जून तक आयोजित की जाने वाली एसोसिएटेड प्रोफेशनल स्लीप सोसाइटी की 29वीं वार्षिक बैठक के स्लीप-2015 में प्रस्तुत किया जाना है।