वाराणसी। काशी को
स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का सपना करीब 150 करोड़ से साकार रूप लेना शुरू करेगा। क्योटो प्रशासन
हेरिटेज जोन से इसकी शुरुआत करने में सहयोग करेगा। इसमें राजघाट से अस्सी घाट तक
तकरीबन 16 किलोमीटर, सारनाथ में बुद्धिस्ट सर्किट, टूरिस्ट एरिया को विश्व स्तरीय बनाकर टूरिज्म
को बढ़ावा देने का प्रस्ताव शामिल होगा। जापानी तकनीक से सालिड वेस्ट के जरिए
ऊर्जा उत्पादन संयंत्र निर्माण में भी क्योटो भरपूर सहयोग करेगा। छह जून तक 'काशी-क्योटो' समझौते के अनुरूप सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। पायलट
प्रोजेक्ट के आधार पर ही इस पूरे अभियान को जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा।
भारत सरकार व
जापान सरकार के मध्य काशी-क्योटो समझौते को आकार रूप देने के लिए कमिश्नरी सभागार
में बुधवार को कमिश्नर आरएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक चली। जिलाधिकारी
प्रांजल यादव व नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी ने काशी को स्मार्ट सिटी बनाने की
कवायद के तहत परियोजना को जायका (जापान) प्रोजेक्ट के जरिए ही मूर्तरूप देने की
कार्ययोजना को अंतिम रूप देने पर जोर दिया। छह जून तक प्रस्तावित खाका तैयार कर
लेने का निर्देश दिया गया। सभी सरकारी और निजी हेरिटेज भवनों का विकास, नगर निगम को सालिड वेस्ट से ऊर्जा उत्पादन
संयंत्र निर्माण में सहयोग व जापानी तकनीक के अनुसार स्थापित करके उसका संचालन
किया जाएगा। सारनाथ बुद्धिस्ट टूरिस्ट एरिया विश्वस्तरीय बनाकर टूरिज्म को बढ़ावा
दिया जाएगा।
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