नई दिल्ली, अरुण जेटली ने नोट छपाई के
लिए घरेलू कागज उत्पादन के नए संयंत्र का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, 'यह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरूआत का प्रतीक है. इससे यह सुनिश्चित होगा
कि उच्च मूल्य वर्ग के नोट भी देश में निर्मित कागज पर ही छापे जाएं.'
जेटली ने कहा कि वर्तमान
में उच्च मूल्य वर्ग के नोट आयातित कागज पर छापे जाते हैं. हालांकि, इसमें जिस स्याही का उपयोग होता वह देश में ही बनाई जाती
है.
जेटली ने इस बात पर खुशी
जाहिर की कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’
की शुरूआत मध्य प्रदेश से हो रही है.मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान की हाल की अनेक पहलों के बाद मध्य प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रह गया
है. जेटली ने कहा कि यहां से कम मूल्य वाले मुद्रा नोट के लिए कागज का उत्पादन
होता रहा है. होशंगाबाद और मैसूर में नए संयंत्रों के विकास से करेंसी मुद्रण के
लिए पर्याप्त मात्रा में कागज का उत्पादन संभव है ताकि देश की जरूरत पूरी की जा
सके.
मैसूर की मुद्रा नोट कागज
इकाई की क्षमता 12,000 टन होगी और उम्मीद है कि
साल के आखिर तक यह चालू हो जाएगी.