नई दिल्ली: ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (ओआरओपी) में देरी के विरोध में पूर्व सैनिक
सशस्त्र बलों के लिए आंदोलन करेंगे. वहीं 1971 की लड़ाई में शामिल रहे रिटायर्ड विंग कमांडर सुरेश कार्णिक ने पुणे में आयोजित
एक वीरता पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया. इस समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर
पर्रिकर भी शामिल हुए थे.
ओआरओपी के लागू
होने में देरी पर बढ़ते असंतोष के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धवन ने पूर्व
सैनिकों को धर्य रखने की सलाह दी और कहा कि सरकार इस मामले में ध्यान दे रही है.
रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने दिल्ली में कहा, ‘हम 14 जून को रैली आयोजित करने की योजना बना रहे हैं.
यह केवल दिल्ली में नहीं होगी बल्कि देश के अनेक हिस्सों में होगी.'
उन्होंने कहा कि
अगर सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती तो पूर्व सैनिकों की भूख हड़ताल पर जाने की
योजना है. सिंह के नेतृत्व में इस साल की शुरूआत में पूर्व सैनिकों के एक
प्रतिनिधिमंडल ने पर्रिकर से मुलाकात की थी. कार्णिक को तीसरे सर्वोच्च वीरता
पुरस्कार ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया जाना था. उन्होंने कहा कि ओआरओपी के मुद्दे पर पर्रिकर के
इरादे अच्छे हैं लेकिन नौकरशाह मामले को खींच रहे हैं जिससे देशभर में लाखों पूर्व
सैनिक निराश हैं.
उन्होंने कहा, ‘सरकार पूर्व सैनिकों के मुद्दे पर केवल बातें
कर रही है. नौकरशाही एक रैंक, एक पेंशन के मुद्दे पर अपना खेल खेल रही है.’ एडमिरल धवन ने इस बात पर जोर दिया कि ओआरओपी ‘प्राथमिकता वाला विषय’ है और रक्षा मंत्रालय के साथ इस मुद्दे को
उठाया गया है. उन्होंने दिल्ली में कहा, ‘‘हम इस घोषणा की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने इस
समस्या पर निश्चित रूप से गौर किया है. मेरी जानकारी के अनुसार समान रैंक समान
पेंशन पर काफी प्रगति हुई है. इस बारे में अंतिम निर्णय सरकार को करना है.’ ‘वन रैंक- वन पेंशन’ की मांग भारत में 20 लाख से अधिक पूर्व सैनिक लंबे समय से कर रहे
हैं.
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Title : one rank one pension issue 1971 war veteran boycotts awards event in
protest against inaction
Keyword
: One Rank One Pension, 1971 war veteran, boycotts awards, protest, inaction