कोल्हापुर:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने आज कहा कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा
चुनाव से पहले शिवसेना के अडियल रुख के कारण भाजपा के साथ उसका गठबंधन टूटा.
फडणवीस ने यहां अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘‘हमने तो उन्हें
(पिछले साल के विधानसभा चुनाव में) 147 सीटें देने का प्रस्ताव
दिया था जबकि अपने पास सिर्फ 127 सीटें रखी थीं. लेकिन वे इससे भी खुश नहीं थे.
इसलिए हमें अकेले ही चलना पडा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से पहले ऐसी मानसिकता थी कि हम अकेले जीतने में सक्षम नहीं होंगे
क्योंकि मत विभाजित हो जाएंगे लेकिन चुनाव के बाद इस मानसिकता में बदलाव आया.’’
आज संपन्न होने
वाली राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए कोल्हापुर आए मुख्यमंत्री
ने कहा, ‘‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अभी शिवसेना को
छोड देंगे.’’पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले अपने लंबे
समय से सहयोगी रहे शिवसेना से अलग होने के भाजपा के फैसले का बचाव करते हुए फडणवीस
ने कल कहा था कि भगवा सहयोगियों के अलग होने से भाजपा की वास्तविक ताकत सामने आई.
उन्होंने कहा था, ‘‘यदि हम यह फैसला (शिवसेना से अलग होने का) नहीं लेते तो हमें हमारी वास्तविक
ताकत के बारे में कभी पता नहीं चलता. हमारी ताकत के एहसास ने ही हमें दुनिया में
सबसे बडी पार्टी बनने में मदद पहुंचाई है.’’पिछले साल अक्तूबर में
हुए विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पक्षों में सीट बंटवारा फॉम्यरुला पर जल्द सहमति
नहीं बनने के कारण शिवसेना के साथ भाजपा के संबंधों में खटास आई थी. एक दूसरे से मनमुटाव
के बाद फडणवीस के मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के एक महीना बाद शिवसेना मंत्रिमंडल
में शामिल हुई. सौजन्यः प्रभात
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