एक निजी चैनल से
बात करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश एवं लालू प्रसाद दोनों अपने-अपने
दल के नेता है और दोनों को छोड़कर कोई और भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बन सकता
है. मालूम हो कि इससे पहले भी रघुवंश प्रसाद विलय के संबंध में विवादित बयान देकर
चर्चा में रह चुके है. उस दौरान उन्होंने कहा था कि राजद जदयू से बड़ा दल है इस
कारण विधानसभा चुनाव के दौरान राजद को 145 सीटें मिलनी चाहिए.
विलय के संबंध
में लगातार आ रहे बयानों से इस बात के संकेत मिलने लगे है कि जनता परिवार में विलय
की प्रक्रिया में आंतरिक कलह अब भी जारी है. राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने
कहा कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के दौरान नीतीश कुमार पार्टी के
नेता रहे थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एवं लालू प्रसाद अपने-अपने दल के नेता
है ऐसे में कोई तीसरा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं बन सकता है. साथ ही
उन्होंने कहा कि जयललिता जेल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री बन सकती है तो लालू
प्रसाद क्यों नहीं बन सकते है.
उल्लेखनीय है कि
बीते दिनों रघुवंश प्रसाद ने यह कह कर सियासी पारा चढ़ा दिया था कि राजद जदयू से
बड़ी पार्टी है ऐसे में राजद की दावेदारी ज्यादा सीटों पर बनती है. उन्होंने इसी
आधार पर बिहार विधानसभा में राजद के लिए 145 सीटों पर दावेदारी जताई थी. लालू प्रसाद ने राजद नेता के
इस बयान पर सहमति भी जताई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीखी
प्रतिक्रिया देते हुए कहा था राजद चाहे तो सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर
सकती है. रघुवंश प्रसाद राजद के वरिष्ठ नेता है ऐसे में उनके द्वारा एक बार फिर
दिये गये विवादित बयान का विलय की प्रक्रिया पर क्या असर पड़ेगा यह देखने वाली बात
होगी. सौजन्यः प्रभात खबर