लंदन।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस )के सरगना अबू बकर अल बगदादी ने संगठन की बिगड़ती छवि को ठीक करने के लिहाज से आतंकवादियों को आदेश दिया है कि अब वे बंधकों के सिर कलम करने का वीडियो जारी न करें।
ब्रिटिश दैनिक 'डेली मेल' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में सिर कलम के वीडियो से सुर्खियों में आए 'जेहादी जॉन' के बाद आईएस इस तरह के वीडियो लगातार जारी कर रहा था लेकिन अब बगदादी ने अपने मीडिया कार्यालयों को कथित रूप से पत्र लिखा है कि वे वीडियो को पूरी सावधानी से तैयार करे और ध्यान रखें कि इसमें हिंसक दृश्य या ग्राफिक न हों।
बगदादी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वह दूसरे मुसलमानों को आहत नहीं करना चाहता, जो यह सोचते है कि इस वीडियो से बच्चे डर जाते हैं।
एआरए न्यूज की खबरों के मुताबिक आईएस के इस फैसले से आईएस में मदभेद हो गया है। कुछ आतंकवादी इस फैसले के पक्ष में है तो वही कुछ का मनना है कि इस तरह के डरावने वीडियो विरोधियों को उकसाने के लिए जरूरी है।
IS
हाल ही में आईएस ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें दस वर्ष से कम उम्र के एक बच्चे को सीरिया के एक सैन्य अधिकारी का सिर कलम करते हुए दिखाया गया था,जिसकी पूरी दुनिया में भत्र्सना की गई थी।
IS
बगदादी की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीरिया के राजनीतिज्ञ और वकील फेर्डो हिस्सो ने कहा कि आईएस वीडियो जारी करे या ना करे अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में उसके क्रूर और अमानवीय कृत्यों में कोई कमी नहीं आने वाली।
IS
उन्होंने कहा की बगदादी को ऐसे वीडियो प्रतिबंधित करने की जगह अपनी नृशंसता पर प्रतिबंध लगाना चाहिए था। उधर आईएस के नक्शे कदम पर चलते हुए आतंकवादी संगठन बोको हराम ने भी इस तरह के वीडियो को जारी करना शुरू कर दिया है।
सौजन्य: PATRIKA NEWS
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस )के सरगना अबू बकर अल बगदादी ने संगठन की बिगड़ती छवि को ठीक करने के लिहाज से आतंकवादियों को आदेश दिया है कि अब वे बंधकों के सिर कलम करने का वीडियो जारी न करें।
ब्रिटिश दैनिक 'डेली मेल' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में सिर कलम के वीडियो से सुर्खियों में आए 'जेहादी जॉन' के बाद आईएस इस तरह के वीडियो लगातार जारी कर रहा था लेकिन अब बगदादी ने अपने मीडिया कार्यालयों को कथित रूप से पत्र लिखा है कि वे वीडियो को पूरी सावधानी से तैयार करे और ध्यान रखें कि इसमें हिंसक दृश्य या ग्राफिक न हों।
बगदादी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वह दूसरे मुसलमानों को आहत नहीं करना चाहता, जो यह सोचते है कि इस वीडियो से बच्चे डर जाते हैं।
एआरए न्यूज की खबरों के मुताबिक आईएस के इस फैसले से आईएस में मदभेद हो गया है। कुछ आतंकवादी इस फैसले के पक्ष में है तो वही कुछ का मनना है कि इस तरह के डरावने वीडियो विरोधियों को उकसाने के लिए जरूरी है।
IS
हाल ही में आईएस ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें दस वर्ष से कम उम्र के एक बच्चे को सीरिया के एक सैन्य अधिकारी का सिर कलम करते हुए दिखाया गया था,जिसकी पूरी दुनिया में भत्र्सना की गई थी।
IS
बगदादी की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीरिया के राजनीतिज्ञ और वकील फेर्डो हिस्सो ने कहा कि आईएस वीडियो जारी करे या ना करे अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में उसके क्रूर और अमानवीय कृत्यों में कोई कमी नहीं आने वाली।
IS
उन्होंने कहा की बगदादी को ऐसे वीडियो प्रतिबंधित करने की जगह अपनी नृशंसता पर प्रतिबंध लगाना चाहिए था। उधर आईएस के नक्शे कदम पर चलते हुए आतंकवादी संगठन बोको हराम ने भी इस तरह के वीडियो को जारी करना शुरू कर दिया है।
सौजन्य: PATRIKA NEWS